MP के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन, यूपी में 3 दिन का राजकीय शोक
मध्य प्रदेश के राज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे लालजी टंडन का निधन हो गया है. मंगलवार सुबह उनके बेटे आशुतोष ने इस बात की पुष्टि की. लालजी टंडन कई दिनों से बीमार थे, अस्पताल में भर्ती थे यही कारण था कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल का कार्यभार आनंदीबेन पटेल को सौंप दिया गया था. अब उनके निधन के बाद कई बड़े नेता श्रद्धांजलि दे रहे हैं, लालजी टंडन के निधन के बाद यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालजी टंडन के निधन पर दुख व्यक्त किया. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि लालजी टंडन को उनकी समाज सेवा के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में मजबूत बनाने में अहम रोल निभाया, वह जनता की भलाई के लिए काम करने वाले नेता थे. पीएम मोदी ने लिखा कि लालजी टंडन को कानूनी मामलों की भी अच्छी जानकारी रही और अटलजी के साथ उन्होंने लंबा वक्त बिताया. मैं उनके प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करता हूं.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लालजी टंडन के निधन पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश की एक कद्दावर शख़्सियत लालजी टंडन के निधन का समाचार बहुत पीड़ादायक है. टंडनजी के साथ मुझे लम्बे समय तक काम करने का अवसर मिला. उनका लम्बा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा में समर्पित रहा और उन्होंने अपने काम से एक अलग छाप छोड़ी है.
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राजनाथ ने लिखा कि स्वभाव से बेहद मिलनसार टंडनजी कार्यकर्ताओं के बीच भी बेहद लोकप्रिय थे. विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने जो विकास कार्य कराये उसकी सराहना आज भी लखनऊ और उत्तर प्रदेश के लोग करते हैं. ईश्वर समस्त शोक संतप्त परिवार को दुःख की इस घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे. ओम शान्ति!
लंबे वक्त से बीमार थे लालजी टंडन
आपको बता दें कि लालजी टंडन काफी लंबे वक्त से बीमार थे. उन्हें सांस लेने में परेशानी थी और किडनी में दिक्कत थी. यही कारण रहा कि पहले उन्हें 11 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर उनका ऑपरेशन भी किया गया. लखनऊ के मेदांता अस्पताल में लगातार बड़े डॉक्टर उनकी देखभाल में जुटे हुए थे, हालांकि उनकी हालात लगातार गंभीर बनी हुई थी.
लालजी टंडन को पिछले साल जुलाई में ही मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था, लेकिन इसी साल पिछले महीने तबीयत खराब होने के कारण आनंदीबेन पटेल को अतिरिक्त कार्यभार दे दिया गया.