जीवन क्या है ? उसके स्वरूप को समझा जाना चाहिए और उसके साथ जुड़े हुए तथ्यों को स्वीकार किया जाना चाहिए, भले ही वे कठोर और अप्रिय ही क्यों न प्रतीत होते हों ।जीवन एक चुनौती है, एक संग्राम है और एक जोखिम है। उसे इसी रूप में अंगीकार करने के अतिरिक्त और कोई चारा नहीं जीवन एक रहस्य है, तिलस्म है, भूल-भुलैया और गोरखधंधा है। गंभीरता और सतर्कता के आधार पर ही उसकी तह तक पहुँचा जा सकता है और भ्रांतियों के कारण उत्पन्न होने वाले खतरों से बचा जा सकता है। जीवन कर्तव्य के रूप में अत्यंत भारी किंतु अभिनेता की तरह हँसने-हँसाने वाला हलका-फुलका रंगमंच भी है। जीवन एक गीत है, जिसे पंचम स्वर में गाया जा सकता है। जीवन एक स्वप्न है जिसमें अपने को खोया जा सके तो भरपूर आनंद का रसास्वादन किया जा सकता है। जीवन एक अवसर है, जिसे गँवा देने पर सब कुछ हाथ से गुम हो जाता है। जीवन एक प्रतिज्ञा है, यात्रा है, कला है। इसको किस प्रकार सफल बनाया जा सकता है, जिसने इसे जान लिया और मान लिया, समझना चाहिए कि वह सच्चा रत्नपारखी और उपलब्ध विभूतियों का सदुपयोग कर सकने वाला भाग्यशाली है। जीवन सौंदर्य है, जीवन प्रेम है, जीवन वह सब कुछ है जो नियंता की इस सुविस्तृत सृष्टि में सर्वोत्तम कहा जा सके।