कोविड वैक्सीन से बढ़े हार्ट अटैक के मामले!

 ICMR के इस दावे से सामने आई सच्चाई

 

नई दिल्ली: कोविड  के बाद हार्ट अटैक  से होने वाली मौतों () के पीछे वैक्सीन ( को एक बड़ी वजह बताया जा रहा है. हालांकि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च  ने इसे खारिज कर दिया है. ICMR ने दावा किया है कि कोविड से हुई मौतों की वजह वैक्सीनेशन के चलते आया हार्ट अटैक नहीं है. दरअसल, पिछले एक साल में देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों ने हार्ट अटैक की वजह से जान गंवाई है. कहा जाने लगा कि हार्ट अटैक से होने वाली मौतों के लिए कोविड वैक्सीनेशन जिम्मेदार है.

आईसीएमआर लंबे समय से हार्ट अटैक से होने वाली मौत के मामलों और कोविड-19 वैक्सीन के बीच संभावित कनेक्शन का आकलन करने के लिए स्टडी कर रहा था. भारत में कोविड ने मार्च 2020 से रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया. कोविड को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया. 2020 में कोविड महामारी के फैलने के बाद दुनियाभर में वैक्सीन बनाने की शुरुआत हुई. भारत में भी स्वदेशी वैक्सीन तैयार करने का काम हुआ. हालांकि वैक्सीनेशन की शुरुआत होने में काफी वक्त लगा.

देश में कब शुरू हुआ वैक्सीनेशन?
भारत (india) में वैक्सीनेशन (vaccination) की शुरुआत जनवरी के महीने से हुई. 16 जनवरी 2021 को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई. धीरे-धीरे वैक्सीनेशन ने रफ्तार पकड़ी. आबादी के एक बड़े हिस्से को कवर करने के बाद वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने का काम भी शुरू हुआ. देश में लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज भी लगाई गई है. अब तक देश में लोगों को 2 अरब से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई गई है. वैक्सीनेशन के मामले में भारत दुनिया के टॉप देशों में है.

देश में बढ़े हार्ट अटैक के मामले
कोविड महामारी थम चुकी है और देश की 95 फीसदी से ज्यादा आबादी का वैक्सीनेशन भी हो चुका है. मगर पिछले एक साल से हार्ट अटैक के मामलों में इजाफा हुआ है. सोमवार को हरियाणा पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर ने हार्ट अटैक से जान गंवा दी. वहीं, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में रविवार को फिल्म देखने गए 32 वर्षीय एक शख्स की हार्ट अटैक से मौत हो गई. हार्ट अटैक के इस तरह के केस देशभर से सामने आए हैं. ज्यादातर हार्ट अटैक के मामले युवाओं में रिपोर्ट किए गए हैं.

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