, ONDC से जल्द होगा करार.
जल्द ही आपके घर पर आटा, दाल, चावल जैसे किराना समान से लेकर मोबाइल कंप्यूटर और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान तक पोस्ट ऑफिस आपके घर पहुंचाएगा।
इसके लिए ओएनडीसी से जल्द करार हो सकता है। वास्तव में इंडिया पोस्ट ने ट्रेडर्स एसोसिएशन कैट के साथ एक एमओयू साइन किया है, जिसके तहत वह देश के करीब 8 करोड़ कारोबारियों को लॉजिस्टिक सर्विस प्रोवाइड कराएगा।
ऐसे में अगर देश के 8 करोड़ कारोबारी अपने आपको ओएनडीसी में रजिस्टर्ड करते हैं तो उनका सामान कस्टमर के पास पहुंचाने का काम पोस्ट ऑफिस करेगा। इस तरह से इस पोस्ट ऑफिस और कैट डील ने डाकघर को ओएनडीएस प्लेटफॉर्म पर लॉजिस्टिक सर्विस प्रोवाइडर के तौर ऑनबोर्ड करने की योजना की रूपरेखा तैयार की है।
ONDC के लिए डाकघर क्यों महत्वपूर्ण है?
डाकघर सरकार के लिए ONDC बहुत महत्वपूर्ण है। अगर पोस्ट ऑफिस इस प्लेटफॉर्म से जुड़ जाए तो देश के कोने-कोने में लॉजिस्टिक सर्विस मुहैया कराना बेहद आसान हो जाएगा। साथ ही गांवों तक ONDC को बढ़ावा देने में आसानी होगी। क्योंकि पोस्ट ऑफिस देश के दूर-दराज इलाकों में भी मौजूद है, जहां देश की बाकी लॉजिस्टिक कंपनियों के लिए डिलीवरी करना मुश्किल होगा। पोस्ट ऑफिस के लिए यह काफी आसान होगा।
दूसरी तरफ जिंटी वर्क फोर्स पोस्ट ऑफिस के पास है और जिस तरह का इंफ्रा और उपलब्धता पोस्ट ऑफिस के पास है, वो देश के किसी लॉजिस्टिक सर्विस प्रोवाइडर के पास नहीं है। डाकघर का कार्यबल अन्य सेवा प्रदाताओं की तुलना में ग्राहक के दरवाजे पर तेजी से और आसानी से डिलीवरी करने में सक्षम होगा।
अन्य रसद प्रदाताओं पर डाकघर कितना भारी है?
देश के संचार राज्य मंत्री देवुसिंह जेसिंगभाई चौहान का कहना है कि डाक विभाग ने समय के साथ और जनता की मांगों के अनुसार खुद को बदल दिया है और प्रौद्योगिकी के आगमन और नई सेवाओं के समावेश के साथ, भारतीय डाक एक आधुनिक सेवा प्रदाता बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में इंडिया पोस्ट अपने 1.59 लाख डाकघरों के नेटवर्क के माध्यम से हर गांव में सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ के लिए बैंकिंग, बीमा प्रदान कर रहा है। इसके अलावा देशभर में इंडिया पोस्ट के पास 5 लाख वर्क फोर्स है।
जानें क्या है ONDC?
सोशल मीडिया पर इन दिनों ओएनडीसी (Open Network for Digital Commerce) खासा चर्चा में है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों की मानें तो इस सरकारी प्लेटफॉर्म पर बाजार में बिक रहा 283 रुपये का बर्गर महज 110 रुपये में ही उपलब्ध है। वेज स्टीम्ड मोमोज के लिए जहां दूसरी ई-कॉमर्स कंपनियों पर 170 रुपये तक खर्च करना पड़ता है वहीं ओएनडीसी पर यह महज 85 रुपये में ही उपलब्ध है। भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय की पहल पर शुरू किए गए ओएनडीसी प्लेटफॉर्म को ग्राहकों से भारी कमीशन वसूल रहीं ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए चुनौती माना जाने लगा है।