मध्य प्रदेश में अब घर पर होगी शराब की डिलीवरी, नई आबकारी नीति में तैयारी

 

 

मध्य प्रदेश में अब ऑनलाइन केवल घरेलू सामान ही नहीं शराब भी मंगाई जा सकेगी। राज्य सरकार यह व्यवस्था करने जा रही है कि ऑनलाइन ऑर्डर करने पर शराब की डिलीवरी घर पर की जा सके। नई आबकारी नीति में इस तरह का प्रावधान किया गया है। यह व्यवस्था करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा। दो वर्ष पहले पंजाब में यह शुरू करने की योजना थी किन्तु उसे अमल में नहीं लाया जा सका था।

मध्य प्रदेश का आबकारी विभाग अगले वित्त वर्ष के लिए नई आबकारी नीति ला रहा है। इस नीति में सबसे ज्यादा जोर राजस्व बढ़ाने को लेकर है। इसके लिए कई प्रावधान किए गए है, जिसमें ऑनलाइन शराब बिक्री और लाइसेंस फीस बढ़ाना शामिल है। इस नीति पर मुख्यमंत्री की मुहर के बाद इसे जल्द लागू करने की तैयारी है।

नीति में शराब विज्ञापन पर भी सजा का प्रावधान किया गया है। शराब का कोई विज्ञापन करता है तो 3 से 5 वर्ष की सजा व 10 लाख जुमार्ना लिया जाए। आबकारी और पुलिस पर शासकीय कार्यवाही के दौरान हमला किया जाता है तो हमलवर को 7 से 10 साल की सजा हो।

नीति में प्रावधान है कि एमएसपी (मिनिमम सेलिंग प्राइज) और मैग्जीमम रिटेल प्राइज में ज्यादा अंतर नहीं होगा। पड़ोसी राज्यों की तुलना में मप्र में देसी और विदेशी शराब की कीमत क्रमश: 59 से लेकर 81% तक अधिक है। इसकी मुख्य वजह रिटेलर का अधिक मार्जिन उठाना। एमएसपी और एमआरपी में बड़ा फर्क होना। इसी वजह से सीमावर्ती राज्य से भी अवैध शराब आती है। जिलों में भी एक या दो समूहों की बजाए एक ठेकेदार को अधिकतम तीन-चार दुकानें समूह बनाकर दी जाएंगी। इससे व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वता बढ़ेगी। बड़े समूहों की मोनोपॉली खत्म होगी। शराब ले जाने वाले टैंकरों को इलेक्ट्रॉनिक लॉक में रखा जाएगा। टैंकरों में आरएफआईडी तथा जीपीआरएस लगेंगे।

अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए सजा को कठोर किया जा सकता है। मसलन, धारा 49(ए) में मानवीय उपयोग के लिए जो शराब न हो, उस संबंध में है। इसे सख्त किया जाए। गलत तरीके से शराब बनाने पर दस साल से लेकर उम्र कैद तक का प्रावधान हो। शराब के साथ जहरीला या हानिकारक पदार्थ मिलाने पर मृत्यु हो जाए तो आरोपी को भी मौत या उम्र कैद की सजा मिले।

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