– राशन की दुकानें, डेयरी, मिल्क बूथ, पोल्ट्री, मीट, मछली, इलेक्ट्रीशियन, आईटी, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, डीटीएच और केबल सर्विसेस को मिली छूट
नई दिल्ली, 19 अप्रैल । देश में बढ़ते कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ा दिया गया है। आम लोगों की समस्या को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी की है जिसके तहत कुछ जरूरी सेवाओं को सोमवार यानी 20 अप्रैल से शर्तों के साथ छूट मिलेगी।
घरेलू उपयोग के सामानों की दुकानों को मिली छूट
केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सोमवार से किराना और राशन की दुकानें, फल-सब्जी के ठेले, साफ-सफाई का सामान बेचने वाली दुकानें, डेयरी और मिल्क बूथ, पोल्ट्री, मीट, मछली और चारा बेचने वाली दुकानें, इलेक्ट्रिक, आईटी रिपेयर्स, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, डीटीएच और केबल सर्विसेस की दुकानें खुलेंगी।
ये सेवाएं भी 20 अप्रैल से शुरू होंगी
आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं वाले कार्यालय खुलेंगे जिनमें 50 फीसद से ज्यादा स्टाफ नहीं होगा। केवल सरकारी गतिविधियों के लिए काम करने वाले डेटा और कॉल सेंटर को भी छूट दी गई है। ऑफिस और आवासीय परिसरों की प्राइवेट सिक्योरिटी और मैंटेनेंस सर्विसेस भी सोमवार से शुरू होगी। ट्रक रिपेयर के लिए हाई-वे पर दुकानें और ढाबे खुलेंगे। राज्य सरकारों की यह जिम्मेदारी होगी कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जाए।
गांवों और खेती-किसानी से जुड़ी सेवाएं और उद्योग होंगे शुरू
सरकार के निर्देशों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग शुरू किए जा सकेंगे जिसके तहत ईंट-भट्ठों और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में काम किया जा सकेगा। ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की मंजूरी वाले कॉमन सर्विस सेंटर खुल सकेंगे और कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस सर्विस शुरू होगी। इसके अलावा देश के समुद्री सीमा से सटे राज्य में फिशिंग ऑपरेशन (समुद्र और देश के अंदर) जारी रहेंगे। इसमें मछलियों का भोजन, मेंटेनेंस, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री हो सकेगी। दूध का कलेक्शन, प्रोसेसिंग, डिस्ट्रिब्यूशन और ट्रांसपोर्टेशन हो सकेगा। पोल्ट्री फॉर्म समेत अन्य पशुपालन गतिविधियां चालू रहेंगी। पशुओं का खाना मसलन मक्का और सोया की मैन्युफेक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन हो सकेगा। पशु शेल्टर और गौशालाएं खुलेंगी।
विनिर्माण क्षेत्र को भी मिली छूट
सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार जिन जरूरी सामान की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में काम होगा, उनमें ड्रग, फार्मा और मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर मनरेगा के कामगार भी काम कर सकेंगे। ऐसी प्रोडक्शन यूनिट जिसमें प्रोसेस को रोका नहीं जा सकता, वे शुरू हो सकेंगी और उनकी सप्लाई चेन भी शुरू हो सकेगी। विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े और स्पेशल इकोनॉमिक जोन, इंडस्ट्रियल टाउनशिप में स्थित कंपनियों को अपने यहां काम करने वाले स्टाफ के रुकने की व्यवस्था कंपनी परिसर में करनी होगी। अगर स्टाफ बाहर से आ रहा है तो सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए उनके आने-जाने के इंतजाम करने होंगे। इसके अलावा सूचना प्रोद्योगिकी (आईटी) हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों में कामकाज होगा। कोल, माइन और मिनरल प्रोडक्शन, उनके ट्रांसपोर्ट और माइनिंग के लिए जरूरी विस्फोटक की आपूर्ति जारी रहेगी। ऑयल और जूट इंडस्ट्री, पैकेजिंग मटेरियल की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भी छूट मिलेगी।