नई दिल्ली : कोरोना  काल में दुनिया की तीन महाशक्तियां महायुद्ध की तैयारी में जुट गई हैं. चीन, अमेरिका और रूस का कोरोना काल में युद्ध का खतरनाक प्लान बन रहा है. अमेरिका  ने चीन  को महामारी पर सजा देने की पहले ही ठान ली है. अब कोरोना अगर अमेरिका और चीन में जंग कराएगा तो जाहिर है इस महायुद्ध में रूस  की एंट्री भी जरूर होगी. इसीलिए रूस ने अभी से अपनी ताकत को बढ़ाना शुरू कर दिया है.

रूस सिर्फ सैन्य ताकत ही नहीं बढ़ा रहा है बल्कि दुनिया में तबाही लाने वाले बम को बनाना भी शुरू कर दिया है. दरअसल, रूस से आ रही बड़ी खबर ये है कि कोरोना वायरस महासंकट के बीच रूस ने दुनिया के सबसे बड़े बम का डिजाइन तैयार किया है.

रूस ने अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के खतरे को देखते हुए महाविनाशक बम बनाना शुरू कर दिया है. इस महाबम को रूस की अंतरमहाद्विपीय Skif Missile में लगाया जाएगा. रूस का मानना है कि ये बम उसके बचाव का ‘ब्रह्मास्त्र’ होगा जिसे वह आखिरी हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेगा.

ये हैं बम की खासियतें

  • ये महाबम 25 मीटर लंबा और 100 टन वजनी है.
  • इस बम को समुद्र में उतारने के लिए एक विशेष जहाज की जरूरत पड़ती है.
  • समुद्र की सतह से 3,000 फीट नीचे ये महाबम कई साल तक यूं ही पड़ा रह सकता है.
  • Skif Missile पर लगा ये बम सिंथेटिक रेडियोधर्मी तत्व कोबाल्ट-60 के इस्तेमाल से समुद्र के बड़े हिस्से और उसके तटों में तबाही ला सकता है.
  • इस बम के साथ Skif Missile 6,000 किमी दूर तक मार कर सकता है.
  • 60 मील प्रति घंटे की रफ्तार से अपने ठिकाने पर निशाना लगा सकता है.

जाहिर है इस बम को बनाने के पीछे रूस का खतरनाक संदेश यही है कि रूस से कोई पंगा लेने के बारे में ना सोचे. अगर किसी भी पश्चिमी देश ने रूस पर अटैक की कोशिश की तो रूस उस दुश्मन का नामोनिशान मिटा सकता है.