लॉकडाउन के बीच किसानों को फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जैसे तैसे परिवार के साथ मिलकर किसानों ने फसल काटी तो उसपर ओलावृष्टि की मार पड़ गई.
पंजाब के बठिंडा और मुक्तसर में कुछ मिनटों की बारिश ने फसलों को चौपट कर दिया. इस नुकसान के बाद सरकार ने कलेक्टर को मुआवजा देकर आर्थिक मदद करने का निर्देश दिया है. अमृतसर में भी किसानों को ऐसी ही परेशानियों का सामना करना पड़ा. यहां किसानों की पकी हुई फसल का नुकसान हो गया. अब किसानों को भविष्य की चिंता सताने लगी है.
यूपी के शामली में खेतों में कटा रखा गेहूं बर्बाद हो गया. जिन फसलों को काटा नहीं गया था उनपर भी बारिश ने कहर बरपाया. गेहूं पक कर तैयार है और गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है. किसानों की सरकार से मांग है कि आर्थिक रूप से सहयोग किया जाए. किसानों की रोज़ी-रोटी पर संकट आ गया है.
देश के अलग-अलग राज्यों में बेमौसम बारिश से किसानों की बदहाली की तस्वीरें सामने आ रही हैं. कोरोना संकट में जब कारोबार ठप है, कंपनियां बंद हैं तब सरकार को कृषि क्षेत्र से ही मदद की उम्मीद है, क्योंकि भारत की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान करीब 17 फीसदी है. अब अगर खेती-किसानी भी मौसम की भेंट चढ़ जाए तो आने वाला वक्त बेहद चुनौतियों भरा हो सकता है.