प्रधानमंत्री ने एनआईपी प्रोजेक्ट के लिए किया 100 लाख करोड़ रुपये का ऐलान

 

नई दिल्‍ली, 15 अगस्‍त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सर्वांगीण अवरसंरचना विकास के लिए नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट (एनआईपी) का ऐेलान किया। मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से शनिवार को कहा कि इस पर 100 लाख करोड़ रुपये होंगे। मोदी ने कहा कि यह एक तरह से अवसरंचना में नई क्रांति की तरह होगा।

देश्‍वासियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत को आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिए एक नई दिशा देने की जरूरत है। दरअसल एक अनुमान के मुताबिक भारत को तेज आर्थिक वृद्धि दर के लिए साल 2030 तक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 4.5 लाख करोड़ डॉलर खर्च करने होंगे।

पीएम ने कहा कि भारत को आधुनिकता की ओर तेज गति से ले जाने के लिए देश में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की जरूरत है। ये जरूरत नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के जरिए पूरी की जाएगी। इस पर 100 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग-अलग सेक्टर्स के क्षेत्रों की लगभग 7 हजार परियोजनाओं की पहचान की जा चुकी है।

लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि एनआईपी से अर्थव्यवस्था को कई तरह से फायदा होगा, कारोबार का विस्तार बढ़ेगा, रोजगार के अवसर बनेंगे। उन्‍होंने कहा कि लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा। इससे इकनॉमिक ग्रोथ का असर कई स्तर पर दिखेगा। पीएम ने कहा कि ढांचागत सुविधाओं पर खर्च बढ़ाने से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। सरकार को रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते 10 अगस्त को नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के ऑनलाइन डैशबोर्ड का शुभारंभ किया था। यह डैशबोर्ड 6,800 से अधिक परियोजनाओं का ऑनलाइन प्रदर्शन करेगा। एनआईपी के ऑनलाइन डैशबोर्ड को इंडिया इनवेस्टमेंट ग्रिड (आईआईजी) पर प्रस्तुत (अपलोड) किया जाना है। दरअसल यह एक ऐसा गतिशील और इंटरैक्टिव ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो भारत में निवेश के अपडेटेड अवसरों को वास्तविक समय के साथ प्रदर्शित करता है।

उल्‍लेखनीय है कि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर 102 लाख करोड़ रुपये खर्च करने से भारत को 2025 तक 5 लाख करोड़ डॉलर (5 ट्रिलियन) की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी। इसके लिए कुछ प्रोजेक्ट की पहचान की गई है, उसमें पावर, रेलवे, शहरी सिंचाई, परिवहन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सेक्‍टर्स शामिल हैं। इसमें पावर से जुड़े करीब 25 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार है, जबकि सड़कों से जुड़े 20 लाख करोड़ रुपये और रेलवे से जुड़े 14 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार है।

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