पहला नाम हो सकता है इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश

पहला नाम हो सकता है इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश. दूसरा नाम हो सकता है इस्लामिक खिलाफत ऑफ बांग्लादेश  और तीसरा विकल्प सोचा गया है- इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईस्ट पाकिस्तान l इसे बांग्लादेश के इतिहास के साथ भद्दा मजाक नहीं तो और क्या कहेंगे. जिस पाकिस्तान से आजादी दिलाने वाले शहीदों की याद में शहीद मीनार बनाई गई. उसी शहीद मीनार से बांग्लादेश के साथ पाकिस्तान का नाम जोड़ने की साजिश रची जाएगी. इतना ही नहीं संविधान से सेकुलर कैरेक्टर को हटाकर बांग्लादेश में सुन्नत और शरिया को लागू किया जा सकता है. बांग्लादेश का नाम बदलने के साथ ही साथ एक और साजिश यूनुस और उनके प्यादों ने रची है.  जिसका टारगेट है बांग्लादेश की सत्ता पर पूरी तरह कब्जा कर लेना. माना जा रहा है कि इस सभा के बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपति से इस्तीफा मांगा जा सकता है. मोहम्मद यूनुस को नया राष्ट्रपति घोषित किया जा सकता है. राष्ट्रपति के साथ ही साथ आर्मी चीफ से भी जबरन इस्तीफा लिया जा सकता है और देशद्रोह के आरोपों का सामना कर चुके   ब्रिगेडियर जनरल अमन आजमी को नया आर्मी चीफ बनाया जा सकता है.यानी बांग्लादेश में हर पावर सेंटर पर वो शख्स बैठाया जा सकता है.  जो पाकिस्तान की कठपुतली है. बांग्लादेश के कथित छात्र आंदोलन ने एक नई कैबिनेट बनाने की भी मांग उठाई है. इस मांग को अब संविधान में बदलाव से जोड़ा जा रहा है. अगर इस मांग को माना गया तो इस्लामी छात्र शिबिर, जमात ए इस्लामी, हिफाजत ए इस्लाम, इस्लामी आंदोलन से जुड़े लोगों को  नई कैबिनेट में अहम पद दिए जा सकते हैं.

इस तीसरी आशंका से  बांग्लादेश का बुद्धिजीवी वर्ग डरा हुआ है. अगर बांग्लादेश के सिस्टम में भी कट्टरपंथियों की एंट्री हो गई. तो बांग्लादेश एक तानाशाही व्यवस्था में तब्दील हो जाएगा. अब सबकी नजरें 31 दिसंबर की तारीख और 3 बजे के वक्त पर टिकी हैं▪️

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