पक्के मकानों को ठंडा करने छतों पर बिछा रहे गोबर के कंडे

 

 

सीहोर.

गोबर के उपले (कंडे) अभी तक घरों में ईंधन के रूप में प्रयोग किए जाते थे लेकिन अब इनका उपयोग सूरज की तपिश को कम करने के लिए किया जा रहा है।
सबसे पहला प्रयोग एसडीएम प्रगति वर्मा ने अपने सरकारी आवास में किया। इसके बाद कई लोग अपनी पक्की छतों पर कंडे बिछाकर मकानों का तापमान कम कर रहे हैं। गर्मी के मौसम में अब दिनोंदिन तपिश तेज होती जा रही है। तापमान में बढ़ोतरी होती जा रही है। यही कारण है कि लोग गर्मी से बचने के लिए कई तरह के जतन करने में जुटे हुए हैं। जहां लोग पंखे और कूलर चलाकर गर्मी से निजात पाने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं तहसील कार्यालय में बने एसडीएम के आवास पर गर्मी को कम करने के लिए इसकी छत पर कंडों को बिछाया गया है। इससे तेज धूप छत पर सीधे असर नहीं कर पाती है।
घर के तापमान में 10 डिग्री का आया अंतर
एसडीएम के बाद सीएमओ एनएस चौहान ने नगर परिषद के रेस्ट हाउस में इसका प्रयोग किया। इस संबंध में एसडीएम प्रगति वर्मा ने बताया कि तहसील कार्यालय के पास ही बने एसडीएम क्वार्टर का भवन सिंगल स्टोरी होने के कारण गर्मी में दिक्कत होती है। यहां पर आस-पास कोई छायादार पेड़ नहीं होने के कारण काफी गर्म रहता था।
उन्होंने बताया कि मेरे मन में ख्याल आया कि गांव में गर्मी से बचने के लिए ग्रामीण मकानों कि चद्दरों पर कंडे व धान का पियाल बिछा देते हैं जिससे घरों का तापमान अधिक नहीं हो पाता है और मकान में ठंडक बनी रहती है।
इसके बाद मैंने एक ट्राली कंडों की व्यवस्था कराई और क्वार्टर के पूरे छत पर इनको बिछा दिया। इससे सूरज की तेज धूप छत पर नहीं पड़ती है कंडे सारी धूप गर्मी को अवशोषित कर लेते हैं । इससे घर के तापमान में लगभग 10 डिग्री का अंतर आया है।

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