भोपाल। मध्यकप्रदेश में कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के इस्तीफे के बाद यह साफ हो गया है कि सरकार बेहद संकट में है। पिछले कुछ दिनों से जारी गतिविधियों के सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस के नेता और खुद सीएम कमलनाथ भले यह कहते रहे कि सरकार को कोई खतरा नहीं है, लेकिन होली के एक दिन पहले 9 मार्च के घटनाक्रम ने साफ कर दिया कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है। इसी दिन देर रात मंत्रियों के इस्तीफे ने साबित ही कर दिया कि सरकार में कुछ भी ठीक नहीं है। इसी बीच कांग्रेस के नेता और मुख्यमंत्री के दावेदार रह चुके ज्योतिरादित्य ने दावा कर दिया है कि 40 विधायक उनके समर्थन में हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ और सिंधिया के बीच फासलों और दोनों नेताओं की खेमेबाजी की खबरों के बीच यह अनुमान भी लगाया गया कि जल्द ही सिंधिया को या तो उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है या फिर उन्हें मध्यप्रदेश से ही राज्यसभा भेजा जा सकता है। मध्यप्रदेश में रिक्त हो रहीं तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है। इनमें से एक सीट पर दिग्विजय सिंह का चुनाव लड़ना लगभग तय है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बेहद मुश्किल में नजर आ रही है. पार्टी के नाराज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस अंदेशे को और मजबूती दे दी है. बताया जा रहा है कि सोमवार को सिंधिया ने पीएम मोदी से मुलाकात की है.
बीजेपी सूत्रों ने बताया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी में शामिल करने की योजना पर काम किया जा रहा है. इसका अंदाजा इस बात भी लगाया जा सकता है कि बीजेपी आश्वस्त है कि 48 घंटे के अंदर कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी.
बीजेपी सूत्रों का ये भी कहना है कि कांग्रेस के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज सकते हैं. ऐसे विधायकों की संख्या 20 हो सकती है. यानी अगर ऐसा होता है तो कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी और इसके बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं.
सिंधिया को क्या मिलेगा?
चर्चा इस बात लेकर भी हो रही है कि अगर सिंधिया बीजेपी में जाने का फैसला करते हैं तो वहां उनका रोल क्या होगा. इस पर बीजेपी सूत्रों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके समर्थन से राज्यसभा भेजा जा सकता है.
कहा जा रहा है सिंधिया खेमे के करीब 20 विधायक अपने इस्तीफे दे सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो बीजेपी आसानी से जादुई आंकड़ा हासिल कर सरकार बनाने की स्थिति में आ सकती है.
कमलनाथ का बीजेपी पर हमला
कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि बीजेपी माफिया के सहयोग से सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है. सोमवार रात उन्होंने एक बयान में कहा कि मैंने अपना समूचा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा के लिए समर्पित किया है. मेरे लिए सरकार होने का अर्थ सत्ता की भूख नहीं, जन सेवा का पवित्र उद्देश्य है. पंद्रह वर्षों तक बीजेपी ने सत्ता को सेवा का नहीं, भोग का साधन बनाए रखा था और वो आज भी अनैतिक तरीके से मध्यप्रदेश की सरकार को अस्थिर करना चाहती है.