गायों को आवारा छोड़ने पर होगी कार्रवाई:पशुपालन मंत्री

घायल होने पर गौ-सेवकों का शासकीय खर्च पर होगा इलाज

पशुपालन मंत्री  प्रेम सिंह पटेल ने की विभागीय गतिविधियों की समीक्षा

भोपाल : सोमवार, अगस्त 17, 2020, 

 

पशुपालन मंत्री  प्रेम सिंह पटेल ने विभागीय अधिकारियों को ड्यूटी के दौरान घायल होने वाले गौ-सेवकों का शासकीय खर्च पर उपचार कराने के निर्देश दिये हैं। गौ-सेवक टीकाकरण, पशु टैगिंग, उपचार आदि कार्यों में पशुपालन विभाग की सहायता करते हैं।  पटेल ने यह निर्देश आज पशुपालन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान दिये। अपर मुख्य सचिव जे.एन. कंसोटिया, राज्य को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रबंध संचालक  शमीमुद्दीन, संचालक रोकड़े, राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के प्रबंध संचालक  एच.एस भदौरिया सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे।

गायों को आवारा छोड़ने पर होगी कार्रवाई

पशुपालन मंत्री ने कहा कि सड़क पर बैठा गौ-वंश अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनता है। ऐसी गायों के मिलने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। इसकी जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायत, जनपद और नगरपालिका की होगी।

100 लीटर से कम दूध बेचने वाले पार्लर का लायसेंस निरस्त होगा

प्रदेश के दुग्ध संघ के अंतर्गत ऐसे दुग्ध पार्लर, जो 100 लीटर प्रतिदिन से कम दूध का विक्रय करते हैं और दूध के स्थान पर अन्य सामग्रियों की बिक्री पर अधिक ध्यान देते हैं, उनका लायसेंस निरस्त किया जायेगा। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में दूध का संकलन 15 प्रतिशत बढ़ा है, लेकिन कोविड-19 के चलते बिक्री में 13 प्रतिशत की कमी आई है। शादी, समारोह आदि का स्वरूप बदलने के कारण भी घी और दुग्ध पदार्थों के विक्रय में कमी आई है। भोपाल एवं इंदौर दुग्ध संघ द्वारा ऑनलाइन एडवांस कार्ड बनाये जा रहे हैं।

70.49 लाख पशुओं की टैगिंग

प्रदेश में 16 अगस्त, 2020 तक 70 लाख 49 हजार पशुओं की टैगिंग की जा चुकी है। लगभग 52 लाख 5 हजार पशु इनाफ पोर्टल पर दर्ज किये जा रहे हैं। इसी अवधि में 35 लाख 65 हजार गौ-भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।

नई बीमारी लम्पी को रोकने रहें विशेष रूप से सतर्क

संचालक  रोकड़े ने ने बैठक में जानकारी दी कि अनूपपुर, बालाघाट, सिवनी और मण्डला जिले में गायों में एक नई बीमारी लम्पी स्किन डिसीज देखने में आई है। इस विषाणुजनित बीमारी के 51 सेम्पल एसएचएडीएल भोपाल जाँच के लिये भेजे गये हैं। अन्य जिलों में यह बीमारी न फैले, इसके लिये सेम्पल कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है।

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