कोरोना की काट बनेगा नीम?

 

 

  • नीम टेबलेट का कोरोना पर परीक्षण
  • 2 महीनों तक 250 लोगों पर होगा टेस्ट
  • AIIA और ESIC के बीच समझौता

कोरोना की काट ढूंढने के लिए डॉक्टरों और रिसर्चरों की टीम दिन रात लगी है. इस प्रक्रिया में आयुर्वेद भी लगातार प्रयोग कर रहा है. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (AIIA) ने निसर्ग हर्ब्स नाम की कंपनी के साथ समझौता किया है. ये दोनों संस्थाएं ये परीक्षण करेंगी कि कोरोना से लड़ने में नीम कितना कारगर है. इस परीक्षण को फरीदाबाद के ESIC अस्पताल में किया जाएगा.

AIIA की निदेशक डॉ तनुजा नेसारी इस अनुसंधान की प्रमुख परीक्षणकर्ता होंगी. उनके साथ ESIC अस्पताल के डीन डॉ असीम सेन भी साथ होंगे. इस टीम में AIIA और ESIC के 6 और डॉक्टर शामिल होंगे.

250 लोगों पर होगा नीम टेबलेट का परीक्षण

ये टीम 250 लोगों पर इस बात का परीक्षण करेगी कि नीम के तत्व कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में कितना कारगर है. इस रिसर्च में मुख्य रूप से ये पता किया जाएगा कि नीम के कैप्सूल कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों को इस बीमारी से दूर रखने में कितना प्रभावी हैं.

2 महीनों से ज्यादा चलेगी प्रक्रिया

इस परीक्षण के लिए जिन लोगों पर कैप्सूल का परीक्षण किया जाएगा उनका चयन शुरू हो चुका है. इस प्रक्रिया में 125 लोगों को नीम कैप्सूल दिया जाएगा, जबकि 125 लोगों को खाली कैप्सूल खाने के लिए दिया जाएगा. ये प्रक्रिया 28 दिनों तक चलेगी. इसके बाद 28 दिनों तक रोगियों का निरीक्षण किया जाएगा और दवाओं के असर को समझा जाएगा.

नीम की गुणकारी ताकत पर भरोसा

निसर्ग बायोटेक के संस्थापक और सीईओ गिरीश सोमन ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि उनकी ये दवा कोरोना की रोकथाम में असरदार एंटी वायरल दवा साबित होगी

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