सरचार्ज के बजाय पूरे प्रदेश में स्टाम्प ड्यूटी कम करें शिवराज सिंह :
भोपाल, 9 सितम्बर 2020,
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ज़मीनों, मकानों की रजिस्ट्री पर लगने वाला सरचार्ज केवल नगरीय क्षेत्रों में दो प्रतिशत कम करके ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसानों को फिर से ठगा है। किसानों के हित में यह छूट तो पूरे प्रदेश में दी जाना चाहिए थी। यह निर्णय एक ही प्रदेश में रहने वाली जनता के साथ भेदभाव और दोहरा व्यवहार है।
अजयसिंह ने कहा कि अव्वल तो यह निर्णय प्रथम दृष्टया ही कुछ खास लोगों के फायदे के लिये लिया गया है। सरचार्ज में छूट साल दो साल के लिए न देकर केवल साढ़े तीन महीने के लिए, यानी 31 दिसंबर तक के लिए ही दी जा रही है। इसका क्या कारण है ? जाहिर है कि आगामी उपचुनाव में लोगों को लुभाने के लिए यह भेदभाव पूर्ण निर्णय लिया गया है।यदि भाजपा सरकार वाकई रियल स्टेट में मंदी से चिन्तित है तो उसे यह छूट स्टाम्प ड्यूटी पर कम से कम एक साल के लिए पूरे प्रदेश में एक समान देना चाहिए ताकि अधिकतम लोग इसका लाभ ले सकें। पूरे देश में मध्यप्रदेश ही ऐसा राज्य है जहां पड़ोसी राज्यों से ज्यादा स्टाम्प शुल्क लिया जाता है। महाराष्ट्र में मात्र चार प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी लगती है।
सिंह ने कहा कि सरचार्ज में दो प्रतिशत छूट का थोड़ा बहुत फायदा केवल उन लोगों को मिलेगा जिनके पास जमा पूंजी है और जो तुरन्त खरीद फरोख्त में सक्षम हैं। साथ ही बिल्डरों के जो प्रोजेक्ट 75- 80 प्रतिशत पूरे होने के बाद कोरोना काल में अधूरे पड़े हैं वे तीन महीने के अल्पकाल में रेरा से कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं ले पायेंगे। इसके अभाव में वे प्रापर्टी बेच भी नहीं सकते इसलिए सरचार्ज में छूट के साथ कम से कम एक साल के लिए स्टाम्प ड्यूटी पांच छह प्रतिशत कम की जाये ताकि अन्य प्रदेश के लोग भी मध्यप्रदेश में प्रापर्टी खरीदने में रुचि दिखायें। मेरा शिवराज सिंह से कहना है कि कथनी से ज्यादा करनी बोलती है।