अच्छा तो हम चलते हैं, आखिरकार नप गए खालिस्तानियों के हमदर्द जस्टिन ट्रूडो, 360 डिग्री घूमी सियासत , अचानक हो गया इस्तीफा
खालिस्तानियों के लख्ते जिगर और भारत के धुर विरोधी और लंबे समय से अपनी नाकामी को लेकर चौतरफा घिरे कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आखिरकार प्रधानमंत्री पद से अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. आपको बताते चलें कि एंटी इंडिया ट्रूडो अपनी लिबरल पार्टी के नेता के रूप में भी इस्तीफा देना पड़ा है. ट्रूडो सिर्फ विपक्ष की तरफ से ही नहीं,खुद अपनी पार्टी के भीतर तमाम विरोध का सामना कर रहे थे. उनकी पार्टी के लोग बिना किसी लागलपेट के सीधे और साफ शब्दों में उनका इस्तीफा मांग रहे थे. जस्टिन ट्रूडो ने अपने इस प्रधानमंत्री काल में कनाडा का जितना नुकसान किया, उतना पहले कभी नहीं हुआ था. यूं तो ट्रूडो की पार्टी ही दशकों से खालिस्तानियों के दम पर राज कर रही थी. लेकिन जितनी अत्ति इस बार ट्रूडो ने की थी, उसकी भरपाई कब तक और कैसे होगी? यह बता पाने में फिलहाल उनकी पार्टी के नेता असमर्थ हैं.