Youtube पर वीडियोज देखना खाली कर सकता है बैंक अकाउंट

दुनिया के सबसे बड़े वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Youtube पर रोजाना लाखों वीडियोज अपलोड होते हैं और करोड़ों यूजर्स वीडियोज देखते हैं। ज्यादातर यूजर्स को यह बात नहीं पता है कि कुछ यूट्यूब वीडियोज में मालवेयर से जुड़े लिंक्स हो सकते हैं, जिनकी मदद से ना सिर्फ उनकी सेंसिटिव जानकारी चोरी की जा सकती है बल्कि बैंक अकाउंट्स भी खाली हो सकते हैं।

 

AI साइबर सुरक्षा कंपनी CloudSEK के रिसर्चर्स की मानें तो यूट्यूब वीडियोज के जरिए होने वाले अटैक्स में 200 से 300 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। 2.5 अरब से ज्यादा ऐक्टिव मंथली यूजर्स वाले प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले लोग अटैक करने वालों के लिए आसान टारगेट बन गए हैं। यूट्यूब वीडियोज के जरिए बैंकिंग मालवेयर को डिवाइसेज तक पहुंचाया जा रहा है, जो बैंक अकाउंट नंबर, CVV और पिन जैसी जानकारी चोरी कर सकता है।

जानकारी चुराने के लिए डिजाइन किया गया मालवेयर
इन्फोस्टीलर्स नाम के ये मालवेयर खासतौर से यूजर्स के टागरेट सिस्टम से जानकारी और डाटा चोरी करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। ये मालिशियस डाउनलोड्स, फेक वेबसाइट्स और यूट्यूब ट्यूटोरियल वीडियोज के जरिए फैलते हैं। एक बार डाटा जुटाने के बाद वे इसे अटैकर के कमांड एंड कंट्रोल सर्वर पर भेज देते हैं। बाद में इस डाटा का इस्तेमाल हैकिंग और अकाउंट में सेंध लगाने के लिए किया जाता है।

AI जेनरेटेड वीडियोज इस्तेमाल कर रहे हैं अटैकर्स
फर्म से जुड़े रिसर्चर्स की मानें तो अब अटैकर्स AI जेनरेटेड वीडियोज की मदद से इंटरनेट यूजर्स को निशाना बना रहे हैं। ऐसे अटैकर्स के लिए यूट्यूब ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है, जहां से वे अपने वीडियोज ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकते हैं। रिसर्च में बताया गया है कि हर घंटे यूट्यूब पर पांच से 10 क्रैक सॉफ्टवेयर डाउनलोड वीडियोज अपलोड किए जाते हैं, जिनके जरिए यूजर्स को मालवेयर डाउनलोड करने के लिए फंसाया जाता है। यूट्यूब एल्गोरिदम के लिए ऐसे वीडियोज की पहचान कर उन्हें ब्लॉक करना आसान नहीं है।

सुरक्षित रहने के लिए इन बातों का ध्यान जरूर रखें
यूट्यूब वीडियोज के डिस्क्रिप्शन या कॉमेंट्स में दिए गए हर लिंक पर भरोसा करने, उसपर क्लिक करने या फिर उसके जरिए कोई सॉफ्टवेयर या ऐप डाउनलोड करने की गलती ना करें। ज्यादातर ऐसे वीडियोज Adobe Photoshop, Premiere Pro, Autodesk 3ds Max और AutoCAD जैसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर के फ्री और क्रैक्ड वर्जन डाउनलोड करने का लालच देते हैं। हमेशा लाइसेंस्ड सॉफ्टवेयर ही इस्तेमाल करें या फिर उनके ऑनलाइन विकल्पों की मदद लें।

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