न्यू इंडिया में सामाजिक दरारें चौड़ी होती जा रही हैं, सत्तारूढ़ राजनीति, व्यापक ज़रूरी मुद्दों पर बहस या सभ्य सिविल संवाद को लगभग असंभव बना रही है…
-अशोक वाजपेयी: इधर एक नया भारत बनाने का दावा बहुत क्रूर और नृशंस ढंग से कुछ शक्तियां करने लगी हैं. उनका दावा यह भी है कि एक एकनिष्ठ, ग़ैर-समावेशी भारत, जिसमें बहुसंख्यक पूरे नागरिक होंगे और अल्पसंख्यक दोयम दर्ज़े के नागरिक, असली भारत-विचार है. इस सिलसिले में ‘भारत-विचार के बचाव में’ विषय पर ‘अनहद’ द्वारा…