मोदी के लिए अब देश के मन की बात सुनने का समय
प्रकाश भटनागर: आज की पीढ़ी कई दर्दनाक कौतुहलों से मुक्त हो चुकी है। प्लेग, हैजा और चेचक से हुई अनगिनत मौतें अब अतीत का विषय बन गयी हैं। उनकी भयावहता अब केवल यादों में ही दर्ज है। मगर अब इन सबका मिला-जुला विकृत स्वरूप कोरोना के रूप में सामने है। सो देश की…