कोरोनाः नए सिरे से परिभाषित होंगी मानवीय संवेदनाएं
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा: कोरोना महामारी ने सबकुछ बदल कर रख दिया है। यहां तक कि हमारी पुरानी कहावतें भी कोरोना के इस दौर में बेमानी हो गई हैं। अकेले आए थे, अकेले जाओगे। क्या लेकर आए थे, क्या लेकर जाओगे- कोराना महामारी के इस दौर में यह कहावतें अपने अर्थ खो चुकी हैं। अब…