रूसो: वो विचारक जिसने दुनिया को बताया कि गरीबी कर्मों का फल नहीं!
18वीं सदी का मध्यकाल था. यूरोप में धर्म का वितंडा अपने प्रचंड रूप में विद्यमान था. चर्च और पोप के शब्द ही कानून थे. उसे राज्य सत्ता का वरदहस्त हासिल था. फ्रांस का कुलीन वर्ग अपने एश्वर्य में डूबा हुआ क्रांति के सपने देख रहे राजनीतिक चिंतकों की सोच का उपहास उड़ाता. फ्रेंच…