LIC की स्कीम ने मचाया धमाल, एक बार पैसे देने पर पाएं जिंदगी भर पेंशन, जानिए डिटेल

नई दिल्ली: अब सरकारी संस्था भारतीय जीवन बीमा निगम(एलआईसी) एक इसकी स्कीम लेकर आई, जिसमें आप निवेश करने पर हर महीना पेंशन का फायदा उठा सकते हैं। एलआईसी की स्कीम का…

डायरेक्ट सेलिंग नेटवर्क के माध्यम से ही मुनाफाखोरी को रोका जा सकता है

खाद्य पदार्थों, दवाईयों और अन्य जरुरी सामग्री के मंहगी होने के प्रमुख वजह मुनाफाखोरी ही है. उत्पादक और उपभोक्ता के बीच बिचोलियों का होना और ज्यादा मुनाफे की चाह ने…

परीक्षार्थियों ने जानी जनसम्पर्क विभाग की कार्यप्रणाली,छात्र-छात्राओं ने कहा यह तो बहुत महत्वपूर्ण विभाग है

 सीहोर, 26 अक्टूबर 2021,    संघ लोक सेवा आयोग तथा मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कर रहे जिले के छात्र-छात्राओं ने आज जिला जनसम्पर्क कार्यालय पहुंच कर जनसम्पर्क विभाग की…

डेल्टा से अधिक खतरनाक है कोरोना का नया म्यूटेंट, भारत में एंट्री

 मुंबई।  कोरोना की दूसरी लहर कमजोर होने के बीच देश में कोरोना वायरस के नए म्यूटेंट के मौजूदगी की खबर है। इनसाकोग नेटवर्क मॉनिटरिंग जीनोमिक के वैज्ञानिकों ने कहा कि…

क्या चीन की अर्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती भारत पर भी असर डालेगी?

तेल के दामों में भारी उथल पुथल के बीच चीन के सबसे बड़ी रीयल एस्टेट कंपनी एवरग्रांडे जिस पर 305 अरब डॉलर का वैश्विक कर्ज है और लगभग पूरे विश्व…

रोड पर वाहन चलाते समय रखे इन बातो का ध्यान:उमाकांत चौधरी

इन्दौरस्वच्छ इंदौर सुरक्षित इंदौर की मुहिम के साथ सेफसिटी कार्यक्रम के अंतर्गत कौटिल्य एकेडमी इंदौर में, महिला सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, ट्रैफिक सुरक्षा संबंधी जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया,,जिसमे डीएसपी…

उपभोक्ता संरक्षण कानून क्यों चला गया हाशिये पर!

केन्द्र और राज्य सरकारों की उदासीनता और निष्क्रियता के कारण भारतवर्ष में जिला एवं राज्य उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष और सदस्यों के खाली पड़े पदों के कारण उपभोक्ता संरक्षण आज…

नियंत्रण से बाहर होती मंहगाई, सरकारी पैसे का सदुपयोग ही एकमात्र उपाय

सितंबर के मुकाबले अक्टूबर महीने में सब्जियों के दामों में तेजी देखी गई है। इसके पीछे देश के कई इलाकों में पिछले साल के मुकाबले भारी बारिश से खराब हुई…

खेती की कमाई कब होती है आयकर मुक्त?

ज्यादातर लोगों के मन में आज भी यह धारणा है कि खेती की जमीन पर की गई हर प्रकार की गतिविधियां, उद्योग, धंधा, आदि खेती की श्रेणी में आते है…

नर्सिंग होम एक्ट में बड़ा बदलाव,एक रेसीडेंट डाक्टर सिर्फ एक अस्पताल में ही सेवा दे सकेगा

भोपाल  | प्रदेश सरकार ने नर्सिंग होम एक्ट में बड़ा बदलाव किया है। अब आयुष (आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और सिद्धा) चिकित्सक एलोपैथी का नर्सिंग होम नहीं खोल सकेंगे। इसी तरह से एलोपैथी चिकित्सक भी आयुष का नर्सिंग होम नहीं खोल पाएंगे। 13 अक्टूबर को राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित होने के साथ ही नया नर्सिंग होम एक्ट लागू हो गया है।अब यह भी तय कर दिया गया है एक रेसीडेंट डाक्टर सिर्फ एक अस्पताल में ही सेवा दे सकेगा। इसके पहले 1973 से लागू पुराने एक्ट में यह स्पष्ट नहीं था। इसका फायदा उठाकर एक डाक्टर का कई अस्पतालों में नाम दर्ज रहता था। इस सख्ती के बाद अब पहले से संचालित कई निजी अस्पतालों के बंद होने की नौबत आ जाएगी। अस्पताल के नवीनीकरण के साथ ही उन्हें नई शर्तों का पालन करना होगा। भोपाल में नर्सिंग होम्स की जांच में यह सामने आया था कि एक रेसीडेंट डाक्टर का नाम चार से लेकर 12 अस्पतालों में दर्ज है। इस आधार पर एमपी आनलाइन से उन्हें पंजीयन मिला है।यह है नई व्यवस्था डाक्टर, नर्स या अन्य कर्मचारी जिनकी जानकारी पंजीयन के दौरान दी है, उनके नौकरी छोड़ने की जानकारी फौरन सीएमएचओ को देनी होगी। नर्सिंग होम के पंजीयन की फीस 10 बिस्तर के लिए पहले 600 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया गया है। सौ बिस्तर या इससे कम वाले नर्सिंग होम के लिए 25 फीसद बिस्तर आक्सीजन वाले रखने होंगे।  20 या उससे कम बिस्तर पर कम से कम एक रेजीडेंट चिकित्सक होना चाहिए, इसके पहले 15 बिस्तर या इससे कम के लिए एक और 16 से 30 बिस्तर होने पर होने पर दो डॉक्टर रखने की शर्त थी। ओपीडी में औसतन 50 से ज्यादा मरीज होने पर एक अतिरिक्त चिकित्सक होना चाहिए। रेसीडेंट डाक्टर का नाम व योग्यता स्वागत काउंटर पर आम लोगों की जानकारी के लिए प्रदर्शित की जाएगी।