अशोकनगर में भाजपा से दो बार पार्षद रह चुके रोशन सिंह यादव ने हाई कोर्ट में अपनी ही पार्टी के विधायक के खिलाफ बयान दिया है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि 2018 में चुनाव जीतने के बाद विधायक जजपाल ने 50 करोड़ रुपए लेकर पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि यह बात सुनने में आई थी.केस की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी!
वहीं इस मामले में जजपाल ने कहा कि न्यायालय प्रक्रिया के दौरान कोर्ट के मामले में बोलना ठीक नहीं है! इस मामले में हमारे वकील से चर्चा करेंगे.दरअसल, 2018 में जजपाल ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते थे। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर उन्होंने बीजेपी के लड्डूराम कोरी को शिकस्त दी थी. साल 2020 में वे कांग्रेस से बीजेपी में आ गए थे। इसके बाद कराए गए उपचुनाव में वो बीजेपी के टिकट पर अशोकनगर से फिर चुनाव जीते.लड्डूराम ने जजपाल के अनुसूचित जाति के प्रमाण-पत्र को फर्जी बताते हुए उनका नामांकन निरस्त करने की मांग की है.इसी मामले की सुनवाई चल रही है\
ज्योतिरादित्य सिंधिका के नेतृत्व में मध्य प्रदेश कांग्रेस में यह बगावत हुई थी। इसके बाद 15 महीने पुरानी कमलनाथ की सरकार गिर गई थी. कांग्रेस विधायकों की इस बगावत के पीछे पैसों के लेन-देन का आरोप लगाती रही है। उसका आरोप है कि विधायकों और मंत्रियों को करोड़ों रुपये देकर यह बगावत कराई गई।