भारी बारिश के कारण आधे भारत में बाढ़ और जलभराव से आफत मची हुई है. कई राज्यों के इलाकों का सड़क संपर्क टूट गया है. अगले 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गुजरात, तेलंगाना और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कई घंटे तक मूसलाधार बारिश के बाद निचले इलाके जलमग्न हो गए. यहां हबीबगंज अंडरब्रिज में कई फीट तक पानी भर गया है. जलभराव की वजह से सड़क पर कारें बंद पड़ गईं. बाइक सवार बीच में फंस गए. घरों में पानी भर गया. शुक्रवार को भोपाल में 91 मिलीमीटर बारिश हुई.
मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, जबलपुर, नरसिंहपुर और सिवनी के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. कई अन्य इलाकों में ऑरेंज अलर्ट है. इसके अलावा, मौसम विभाग ने प्रदेश के 12 अन्य जिलों विदिशा, रायसेन, सीहोर, उज्जैन, देवास, कटनी, छिंदवाड़ा, मण्डला, बालाघाट, पन्ना, सागर एवं दमोह में अगले 24 घंटों में कहीं-कहीं पर बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.
पश्चिम बंगाल में भारी बारिश की चेतावनी
पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर में रूप नारायण नदी उफान पर है. यहां हाईटाइड और बारिश की वजह से 10-12 गांवों में संकट बढ़ गया. कुदरत के इस कहर की वजह से कुछ घरों में दरार भी आ गया. पश्चिम बंगाल में ज्वार उठने और लगातार बारिश से सुंदरबन क्षेत्र में जल स्तर बढ़ गया है और इसकी वजह से कई नदियों पर बने मिट्टी के बांध क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
वहीं मौसम विभाग ने शुक्रवार को इलाके में निम्न दबाव बनने की वजह से भारी बारिश की चेतावनी दी है. खासकर दक्षिण और उत्तर 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है.
छत्तीसगढ़ में रेड अलर्ट
छत्तीसगढ़ के बस्तर में मूसलाधार बारिश के बाद इंद्रावती नदी उफान पर है. जिसका पानी भरने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं. प्रशासन ने समझा बुझाकर 115 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया है. पूरे बस्तर संभाग में बीते 7 दिनों से मूसलाधार बारिश जारी है. यहां के चित्रकोट वॉटरफॉल जिसे हिंदुस्तान का मिनी नियाग्रा भी कहा जाता है भारी बारिश के चलते भय पैदा कर रहा है.
सुकमा में अगले 24 घंटे के लिए मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. शबरी नदी उफान पर है और खतरे के निशान के बिल्कुल करीब पहुंच गई है. यहां राजवाड़ा, शबरी नगर, नयापारा और पावारास वार्डों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया. बाढ़ की वजह से सुकमा जगदलपुर हाईवे को बंद कर दिया गया है. आने जाने के लिए अब नाव ही एकमात्र सहारा बचा है.
बिहार में गंगा उफान पर
बिहार में बाढ़ के हालात गंभीर बने हुए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के बुलेटिन में बताया गया कि बीते 24 घंटे में 16 जिले के और 1.13 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए जिसके साथ बाढ़ प्रभावितों की संख्या बढ़कर 82.92 लाख हो गई. बिहार के मुंगेर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर बरियारपुर प्रखंड में स्टेट हाईवे 333 के किनारे बसे गांव में पानी भरने लगा है.
यहां का कृष्णा नगर तो टापू में तब्दील हो गया है. बाढ़ और खतरे को देखते हुए गांव के करीब 200 लोगों ने सड़क किनारे ऊंचाई वाले स्थान पर अपना डेरा जमाया है. जिनके मकान पक्के हैं वो छत पर ही रात गुजारने को मजबूर हैं. समस्तीपुर दरभंगा रेल लाइन पर कोरोना स्पेशल ट्रेनें चलनी शुरू हो गई हैं. करीब एक महीने से यह रूट भारी बारिश के कारण बंद था.
उत्तराखंड में टूटते पहाड़ से मुश्किल में लोग
उत्तराखंड के रामनगर में भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर आईं तो लोगों की जान पर बन आई है. पिथौरागढ़ में आसमानी आफत का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा. लगातार बारिश में टूटते पहाड़ मुश्किल का सबब बने हुए हैं. यहां के बांसबगड़ इलाके में पहाड़ी से बड़े बड़े पत्थर टूटकर नीचे गिर रहे हैं. इसकी वजह से 40 परिवार खतरे की जद में हैं. लोगों ने सरकार से सुरक्षित स्थानों में भेजने की गुहार लगाई है.
उत्तराखंड में बदरीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री जाने वाले मार्ग कई स्थानों पर बारिश के कारण पहाड़ों से पत्थर और चट्टानें गिरने तथा भूस्खलन होने से बंद हो गए हैं. ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग चमोली जिले में तोता घाटी के पास, केदारनाथ जाने वाला मार्ग रुद्रप्रयाग जिले में जालेश्वर महादेव और सीतापुर पार्किंग के पास तथा यमुनोत्री जाने वाला रास्ता उत्तरकाशी जिले में सिलाई बैंड के पास भूस्खलन से बंद है. इसके अलावा भी दर्जनों अन्य मार्ग भूस्खलन के कारण बाधित हैं जिन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है.
यूपी- अयोध्या में घरों में पानी
यूपी के कई जिलों में बाढ़ से संकट गहराता जा रहा है. मूसलाधार बारिश और नेपाल से आने वाली नदियों के बढ़ते जलस्तर की वजह से राज्य के 16 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. अकेले बाराबंकी में 80 से ज्यादा गांव प्रभावित हो चुके हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 13 हजार से ज्यादा परिवार बाढ़ की चपेट में हैं. कई लोग जान बचाने के लिए तटबंध पर चले गए हैं. मुरादाबाद में रामगंगा नदी में उफान के बाद हाहाकार मचा है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं.
सियाराम की नगरी अयोध्या में सरयू का पानी घुस आया है. यूपी सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना रामकथा पार्क के आसपास की झुग्गी बस्तियां बाढ़ में डूब गई हैं. पिछले 20 दिनों से यहां बाढ़ का पानी भरा है. बाढ़ प्रभावित लोग प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि सीएम योगी के आदेश के बाद भी जिला प्रशासन से लोगों को कोई मदद नहीं मिली है.
गुजरात में आसमानी आफत का कहर
गुजरात में बीते हफ्ते भर से आसमानी आफत करह बनकर टूटी है. पाटण में महज कुछ घंटे की बारिश से सड़कों पर सैलाब आ गया. कुछ मकान भी बाढ़-बारिश की चपेट में आकर जमीदोज हो गए. गुजरात के मेहसाणा में भी भारी बारिश के बाद गंभीर हालात दिखे. शहर से गुजरने वाली सड़कों पर समंदर जैसा हालात दिखा. उस संकट में कई गाड़ियां फंसी नजर आईं. कुछ इलाकों में पानी भर जाने की वजह से ट्रैफिक की रफ्तार पर ब्रेक भी लग गया.