पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा भाजपा पर लगाए गए हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों पर मध्य प्रदेश में करीब 24 घंटे से सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। मंगलवार सुबह दिग्विजय ने ट्वीट कर कांग्रेस विधायकों को दिल्ली लाने की बात कही थी। इसके बाद जब शाम को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दिल्ली पहुंचे तो सियासी पारा और चढ़ गया। कांग्रेस ने देर रात दावा किया कि भाजपा ने कांग्रेस के 6, बसपा के 2 (एक निलंबित) और एक निर्दलीय विधायक को गुड़गांव के आईटीसी मराठा होटल में बंधक बनाया। इसके बाद रात में ही भोपाल से मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को दिल्ली भेजा गया। बुधवार दोपहर 6 विधायक भोपाल पहुंचे। इनमें सपा के राजेश शुक्ला (बब्लू), बसपा के संजीव सिंह कुशवाह, कांग्रेस के ऐंदल सिंह कंसाना, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव और बसपा से निष्काषित राम बाई शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी भी 4 विधायकों की लोकेशन नहीं मिल रही है। इनमें कांग्रेस के बिसाहूलाल, हरदीप सिंह डंग, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा शामिल हैं। दिग्विजय ने कहा कि भाजपा ने 4 विधायकों को जबरन गुड़गांव से बेंगलुरु शिफ्ट किया है।
दिल्ली से वापस लाए गए सभी 6 विधायकों एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री निवास ले जाया गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने उनसे मुलाकात की। इससे पहले कमलनाथ ने मुख्यमंत्री आवास में अन्य कांग्रेस विधायकों से चर्चा करके पूछा- कहीं उन्हें भी तो खरीदने की कोशिश नहीं हुई। कमलनाथ गुड़गांव से भोपाल पहुंचे विधायकों से मुलाकात करने के बाद हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। वहीं, भाजपा ने कहा कि कमलनाथ सरकार संकट में है, अभी 15 और विधायक उनके संपर्क में हैं।