कटनी: मध्यप्रदेश ) के कटनी जिले के विजयराघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक की मुश्किलें बढ़ सकती है. उनकी कंपनियों से जुड़ी जमीनों के सौदे जांच के घेरे में हैं. EOW आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने इन कंपनियों द्वारा सहारा ग्रुप की जमीन खरीदने की पड़ताल शुरू कर दी है.
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव ने विधायक संजय पाठक पर करोड़ों रुपए की गड़बड़ी करने के आरोप लगाए थे. भोपाल, जबलपुर और कटनी में सहारा की 310 एकड़ जमीन को कौड़ियों के भाव में खरीदने की बात मनोज यादव ने कही थी. सपा अध्यक्ष मनोज यादव ने बताया कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन इन्वेस्टमेंट ग्रुप द्वारा की शहरों में निवेशकों से पैसा जुटाकर सहारा सिटी बनाने के उद्देश्य से जमीनें खरीदी गई थीं
2014 में सुप्रीम और SEBI ने सहारा समूह को निवेशकों की राशि लौटाने के लिए कंपनी की प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, जमीन के सौदे की सीमा अधिकतम 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा तक तय की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि पैसे खरीदार सीधे मुंबई में बैंक ऑफ इंडिया के सेबी-सहारा रिफंड खाता नंबर 012210110003740 में जमा करेंगे.
EOW के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार भोपाल की जमीन बेचकर सेबी-सहारा रिफंड खाते में रुपए जमा कराने के नियम का भी उल्लंघन किया गया है. सहारा ग्रुप ने ये रुपए सहारा इंडिया रियल एस्टेट लिमिटेड, सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन और निजी शैल कंपनियों के खातों में जमा कराए. EOW ने आशुतोष दीक्षित मनु की शिकायत पर इस मामले की जांच शुरू की है. सहारा इंडिया रियल स्टेट कॉर्पोरेशन, सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन इन्वेस्टमेंट समूह के अधिकारी, कर्मचारी और संबंधित राजस्व अधिकारियों के खिलाफ पीई दर्ज की गई है.
ईओडब्ल्यू में मामले की शिकायत करने वाले आशुतोष दीक्षित मनु कटनी के रहने वाले हैं। वे सहारा ग्रुप के निवेशकों के मामले में लड़ाई लड़ रहे हैं. आशुतोष ने कहा- जमीन घोटाले के मास्टरमाइंड विधायक संजय पाठक ही हैं. भोपाल, कटनी और जबलपुर की जो 310 एकड़ जमीन 1000 करोड़ में बेची जानी चाहिए थी, उन्हें सहारा के भ्रष्ट अधिकारियों ने मात्र 98 करोड़ में बेच दिया.
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