- अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में भाजपा, होली के दिन शाम 7 बजे सभी विधायकों को भोपाल बुलाया
- प्रद्युम्न सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया, तुलसी सिलावट, इमरती देवी, गोविंद सिंह, प्रभुराम चौधरी और उमंग सिंघार बेंगलुरु गए
- भोपाल. मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे में सोमवार को बड़ी उथल-पुथल सामने आई। ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 7 मंत्रियों समेत 17 विधायक दिल्ली और बेंगलुरु पहुंच गए हैं। इनके फोन बंद आ रहे हैं। खबर लगते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली से भोपाल लौट आए हैं।उन्होंने तुरंत बैठक बुलाई। बताया जा रहा है कि कांग्रेस में बगावत के संकेत देखते हुए भाजपा विधानसभा सत्र की शुरुआत में कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। भाजपा ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक भी बुलाई है। संकट को टालने के लिए कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष या राज्यसभा सदस्य बना सकती है।इन मंत्रियों-विधायकों के फोन बंदमंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, तुलसी सिलावट, इमरती देवी, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभुराम चौधरी और उमंग सिंघार बेंगलुरु गए हैं। भास्कर ने जब सभी को फोन लगाया तो इनके फोन बंद मिले। राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, जसवंत जाटव, बिजेंद्र यादव, जसपाल जज्जी, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, रक्षा सिरोनिया, मुन्ना लाल गोयल से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है।
बेंगलुरु के बाहरी इलाके में विधायकों को ठहराया गया है। यहां 400 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ विधायक दिल्ली में हैं।
कमलनाथ सरकार की ओर से बेशक मौजूदा राजनीतिक संकट को सुलझा लेने का दावा किया जा रहा है लेकिन हकीकत कुछ और ही है. मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाले चार विधायकों के बेंगलुरू के रिसॉर्ट में बीजेपी नेताओं के साथ जाने के बाद ये संकट सामने आया था. संकट अभी सुलझा नहीं है, इसका सबूत निर्दलीय विधायक सुरेंद्र शेरा ने दिया है.
शेरा बीते शुक्रवार को कांग्रेस के खेमे में लौट आए थे. समझा जाता है कि उनसे कैबिनेट मंत्री बनाने का वादा किया गया. लेकिन शेरा ने अब गृह मंत्री बनाए जाने की मांग कर कमलनाथ सरकार के लिए दिक्कत बढ़ा दी है.
शेरा से सोमवार को जब पूछा गया कि वो कौन सा मंत्रालय संभालना चाहेंगे तो उन्होंने कहा, “पुलिस को लोगों का मित्रवत बनाया जाना चाहिए और मैं ऐसा कर सकता हूं.”
एक और नेता, कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल ने कांग्रेस नेतृत्व के साथ हुई डील पर चुप्पी साध रखी है. बिसाहू लाल को बेंगलुरू से राज्य के पर्यटन मंत्री हनी बघेल रविवार को लेकर लौटे थे.
मंदसौर से कांग्रेस विधायक हरदीप डांग समेत दो कांग्रेस नेता अभी तक बेंगलुरू से नहीं लौटे हैं. डांग की ओर से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष, दोनों को भेजा जा चुका है.
कांग्रेस ने बीजेपी के दो विधायकों के अपने साथ होने का संकेत दिया है. बीजेपी का आरोप है कि सरकार का मौजूदा संकट कांग्रेस पार्टी में राज्यसभा सीट के लिए अंदरूनी लड़ाई का नतीजा है. मध्य प्रदेश में राज्य सभा के लिए तीन सीटें भरी जानी हैं. इनमें एक-एक सीट कांग्रेस और बीजेपी को मिलना तय है. जबकि तीसरी सीट के लिए मुकाबला होगा.
सुरेंद्र शेरा की ओर से गृह मंत्री बनाए जाने की मांग पर मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने उन्हें संयम बरतने और ज्यादा न उछलने के लिए कहा है.
मध्य प्रदेश विधानसभा का आगामी सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है. इस दौरान दोनों पार्टियों की ओर से सदन में अपनी भरपूर ताकत दिखाने की कोशिश की जाएगी.