पीएससी की परीक्षा में भील आदिवासियों को अपराधी बताए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने इस मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई के साथ मुख्यमंत्री से सदन में माफी मांगने की बात कही है। वहीं भाजपा ने इसे आदिवासियों का अपमान बताते हुए कहा है कि कांग्रेस को सिर्फ वोट मांगने के वक्त आदिवासी भगवान लगते थे। लक्ष्मण सिंह ने आज किए गए ट्वीट में कहा है कि भील समाज पर प्रदेश सरकार के प्रकाशन पर अशोभनीय टिप्पणी आहत करने वाली है। इस मामले में अधिकारी को तो सजा मिलनी ही चाहिए पर मुख्यमंत्री को भी सदन में खेद व्यक्त करना चाहिए। आखिर वे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। इससे अच्छा संदेश जाएगा। इस मामले में कांग्रेस के साथ भाजपा नेताओं ने भी विरोध करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
दूसरी बार बनी विवाद की स्थिति
पीएससी द्वारा ली गई परीक्षा के मामले में यह दूसरा मौका है जब सिस्टम पर सवाल उठे हैं। प्रश्नपत्र में आदिवासियों को लेकर की गई टिप्पणी के पहले व्यापमं के आरोपियों को परीक्षा के लिए पर्यवेक्षक बना दिया गया था। इस पर बवाल होने पर पीएससी ने आरोपी अधिकारियों को हटाया था।
पीएससी चेयरमैन व सचिव ने साजिश कर किया बदनाम
जयस के प्रदेश अध्यक्ष मुजाल्दा ने कहा है कि पीएससी की परीक्षा में भील समुदाय को अपराधी और अनैतिक कामों में लिप्त बताकर इस समुदाय को बदनाम किया जा रहा है। पीएससी के पदाधिकारियों ने सोची समझी रणनीति से बदनाम करने का काम किया है। राज्यपाल और मुख्यमंत्री से पूरे मामले को संज्ञान में लेकर पीएससी के चेयरमैन और सचिव के विरुद्ध कार्यवाही की मांग उन्होंने की है।