प्रदेश में अब नहीं बिकेगा गुटखा,जहां कोई मरीज नहीं वहां भी व्यापारिक गतिविधियां धीरे-धीरे होंगी शुरू
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा संक्रमित इंदौर, भोपाल और उज्जैन में 20 अप्रैल से कोई छूट नहीं दी जा रही है। जहां कोई मरीज नहीं है वहां भी धीरे-धीरे व्यावसायिक गतिविधियां शुरू की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर जहां जैसी स्थिति है वहां संक्रमण को रोकने के लिए वैसे ही उपाय किए जाएंगे। और अन्य गतिविधियों में छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिकने वाले गुटखा पाउच पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इससे लोग सड़कों पर कहीं भी थूक नहीं सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनौती तो है, पर हमें प्रदेश को नए सिरे से खड़ा करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर इंस्पेक्टर देवेंद्र चंद्रवंशी को मरणोपरांत कर्मवीर पुरस्कार दिया जाएगा। इसी के साथ उनकी पत्नी सुषमा को विभाग मे सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की लड़ाई के परिणाम आना शुरू हो गए हैं। मरीजों की संख्या में कमी आई है। लेकिन, चुनौती बढ़ी है।
भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार 20 अप्रैल से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में चुनिंदा गतिविधियों में लाकडाउन से छूट रहेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियाँ सशर्त अनुमति के साथ जारी रहेंगी। आँगनवाड़ियाँ बंद रहेंगी।
लाकडाउन पीरियड में 20 अप्रैल से जिन गतिविधियों की छूट रहेगी वे इस प्रकार हैं : निर्माण गतिविधियाँ – सड़क निर्माण/पेंचवर्क, सिंचाई परियोजनाओं से सम्बंधित कार्य, भवन निर्माण, जल आपूर्ति संबधी परियोजनाएँ, सेनिटेशन प्रोजेक्ट्स,बिजली के ट्रांसमिशन की लाइन्स खींचने से सम्बंधित कार्य, ओप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य, मनरेगा के अंतर्गत कार्य, विशेष रूप से सिंचाई एवं जल संरक्षण के कार्य शामिल हैं।
औद्योगिक गतिविधियाँ – कृषि कार्य के लिए खाद /बीज /पेस्टीसाइड आदि के निर्माण ,वितरण एवं विक्रय, मछली पालन गतिविधियों से जुड़े उद्योग, पशु-आहार उद्योग, दूध एवं दूध से बने विभिन्न उत्पादों की प्रोसेसिंग एवं पूरी सप्लाई चैन, पोल्ट्री फॉर्म्स/हैचरी आदि, कूरियर सेवाएँ, आई टी सर्विसेस,कोल्ड स्टोरेज एवं वेयरहाउसिंग सेवाएँ शामिल हैं। रबी उपज का भण्डारण निरंतर जारी रहेगा।
ग्रामीण क्षेत्र में संचालित सभी उद्योग ईंट – भट्टा आदि, SEZ कोयला उत्पादन एवं माइनिंग कार्य, लघु वनोपज एवं गैर –काष्ठ वनोपज का संग्रह और प्रोसेसिंग जारी रहेंगे लेकिन इनमें श्रमिकों की संख्या 50 प्रतिशत होगी। ये गतिविधियाँ चरणबद्ध रूप से प्रारंभ की जाना है। ये गतिविधियाँ प्रारंभ करते समय निम्न बातों का विशेष ध्यान रखना होगा।
अनुमत गतिविधियाँ सोशल डिस्टेनसिंग और लॉक डाउन के मापदंडों का पूरा पालन करके ही संचालित होI
कार्यस्थल को साफ़-सफाई कर संक्रमण मुक्त रखा जाएI
अमले को कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रोटोकॉल, साफ़ –सफाई रखने आदि के विषय में निरंतर प्रशिक्षित किया जाए और समय-समय पर इसकी मोनिटरिंग भी की जावे I
कंटेनमेंट एरिया/ हॉट स्पॉट में रहने वाले या क्वेरेंटाईन किये गए किसी भी व्यक्ति को कार्य पर नहीं बुलाया जावे।
न्यूनतम आवश्यक लोगों को ही रोस्टर बनाकर कार्य पर बुलाया जावे।
श्रमिकों को निर्माण परिसर अथवा उसके आसपास सुरक्षित एवं साफ़ स्थान पर ठहराने की व्यवस्था करें।
श्रमिकों एवं अमले के उनके निवास से कार्यस्थल तक परिवहन की व्यवस्था की जाये।
कोरोना रोकथाम के सभी हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन किया जाये।
परिसर में महिला श्रमिकों के साथ छोटे बच्चे भी आते हैं तो उनके स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवशयकता होगी।
लोग भोजन /अल्पाहार साथ बैठकर नहीं करेंI
सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
कार्य-स्थल पर मदिरापान करना, तम्बाकू खाना, सिगरेट/गुटखा आदि का प्रयोग प्रतिबंधित होगा।
यदि कहीं शिफ्ट में कार्य होता हो तो दो शिफ्ट के बीच में 01 घंटे का अंतर रखा जाए।
कार्य-स्थल पर बड़ी बैठकें नहीं ली जा जाएँ।
55 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, 05 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों के माता-पिता या ऐसे कर्मी, जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं हो और जो किसी प्रकार के डिसआर्डर से ग्रसित हों, उन्हें घर से कार्य करने को कहा जाए।