निजि लैब संचालकों की मौज! किसी को पाजिटिव, किसी को निगेटिव!
सिवनी जिले में कितने पैथालाजी लैब नियमानुसार वैध हैं, इस बात की जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के द्वारा कभी भी सार्वजनिक नही किए जाने से अवैध रूप से फल फूल रहे पैथालाजी लैब के संचालकों की पौ बारह हो रही है।
सीएमएचओ कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिले में महज चार पैथालाजी लैब ही नियमानुसार पंजीकृत हैं, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी काया्रलय में। इसके बाद भी गली मोहल्लों में पैथालॉजी लैब के बोर्ड लगे दिख जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि इस तरह के लैब मूलतः कलेक्शन सेंटर्स की भूमिका में हैं, पर इन्हें भी सीएमएचओ कार्यालय में एनरोल होने की महती जरूरत है।
सूत्रों ने आगे बताया कि कोरोना कोविड 19 की दूसरी लहर के बाद सरकारी स्तर पर जांच की सुविधा नाकाफी होने का फायदा निजि पैथलाजी लैब संचालकों के द्वारा उठाया जा रहा है। देखा जाए तो सरकारी स्तर पर अगर जांच की सुविधा पर्याप्त होगी तो निजि संचालकों के पास जाकर सशुल्क जांच करवाने शायद ही कोई जाने का जतन करे।
सूत्रों ने यह भी कहा कि एक हजार से तीन हजार तक शुल्क लेकर निजि पैथालॉजी लैब के कारिंदे घरों घर जाकर सेंपल कलेक्टर कर रहे हैं। इसके अलावा किसी की रिपोर्ट निगेटिव किसी की पाजिटिव बनाकर दी जा रही है। इन रिपोर्ट का इंद्राज सरकारी पोर्टल में कहीं नहीं होने से इनकी विश्वसनीयता भी संदिग्ध ही मानी जा सकती है।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि इस तरह की जानकारियां भी मिल रहीं हैं कि इस तरह की अनाधिकृत लेब्स में जिन मरीजों की रिपोर्ट पाजिटिव बताई जा रही है उनके परिजन अपने अपने मरीजों को लेकर सरकारी एवं निजि अस्पतालों की ओर दौड़ लगा रहे हैं जिससे स्थिति पैनिक बनती नजर आ रही है।
सूत्रों ने कहा कि देखा जाए तो यह जवाबदेही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की है कि जिले में अनाधिकृत तौर पर न तो कोई चिकित्सक मरीजों की चिकित्सा करे और न ही कोई पैथालॉजी लैब का संचालन ही हो, किन्तु प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के द्वारा इस तरह की कोई कवायद नहीं किए जाने से अनाधिकृत पैथालॉजी लैब वाले मलाई काट रहे हैं और कोरोना कोविड 19 के चलते जिले में पैनिक स्थिति निर्मित होती जा रही है।
चार लैब ही अधिकृत!
सूत्रों ने बताया कि जिले में महज चार पैथॉलाजी लैब ही अधिकृत हैं, जिसमें सिवनी शहर में जिंदल, सिद्धि विनायक और संजीवनी तथा छपारा की विनायक पैथॉलॉजी लैब शामिल हैं। इसके अलावा इनकी शाखाएं अगर कहीं चल रहीं हैं तो वे अवैध की श्रेणी में ही आ रही हैं। इसके बाद भी सीएमएचओ कार्यालय के द्वारा किसी तरह की कार्यवाही न किया जाना आश्चर्य का ही विषय माना जा रहा है।