ओलावृष्टि से कई जिलों में फसलों को भारी नुकसा
मध्यप्रदेश में एक बार फिर मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। होली के दस दिन पहले फिर बारिश का दौर शुरु हो गया है। रविवार को कई जिलों में जमकर बारिश हुई और ओले गिरे। अचानक हुई इस बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। बारिश होने के साथ से ही मौसम में ठंडक घुल गई और पारा लुढ़क गया। मौसम विभाग की माने तो पिछले चार से पांच दिन से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश का दौर चल रहा है, जो आगे भी जारी रह सकता है। अगले एक से दो दिन मौसम का मिजाज ऐसा ही रहने की संभावना है। रीवा, जबलपुर संभाग में गरज के साथ हल्की बारिश होने की संभावना बनी रहेगी।
रविवार को भोपाल समेत कई जिलों में बारिश हुई। रायसेन, गैरतगंज और सुल्तानपुर में रविवार सुबह बारिश और तेज हवा के कारण गेहूं की फसल आड़ी हो गई है। सुल्तानगंज में रविवार शाम चने के आकार के ओले गिरे।गुना में कई गांवों में बारिश हुई। बमोरी ब्लॉक के आधा दर्जन गांवों में बड़े आकार वाले ओले गिरे। चना को ज्यादा नुकसान हुआ है।वही अशोकनगर में भी बारिश से गेहूं की फसल आड़ी हो गई है। बालियां टूट गईं। चना को ज्यादा नुकसान होने की आशंका है।
इधर शनिवार को ग्वालियर, मुरैना औऱ भिंड़ समेत कई जिलों मे तेज बारिश हुई और जमकर ओले बरसे। गेहूं की फसले खराब हो गई ।छतरपुर जिले के कई क्षेत्र मेें शनिवार रात और रविवार सुबह तेज हवा के साथ एक घंटे तक तक हुई बारिश से गेहूं, जौ और सरसों की फसल खेत में बिछ गई है। चना, मटर के फूल झड़ गए।
मौसम विभाग की माने तो दक्षिण-पश्चिम मप्र में चक्रवात का घेरा बन गया है। इसके साथ ही मप्र से कर्नाटक तक एक द्रोणिका बन गई है। इसकी वजह से गरज के साथ हल्की बारिश का दौर चल रहा है। अगले दो तीन दिन तक मौसम ऐसा ही बना रहने की संभावना है।रीवा, जबलपुर संभाग में गरज के साथ हल्की बारिश होने की संभावना बनी रहेगी।इसके बाद फिर मौसम बदलेगा और दिन के पारे में बढ़ोतरी होगी। वहीं, रात के तापमान में ज्यादा परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।