जाने खतरनाक कोरोना वायरस के लक्षण, ऐसे करें बचावΣu
कोरोना वायरस पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है. भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी कोरोना वायरस के दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं. दोनों संदिग्धों को कस्तूरबा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल, उनका परीक्षण कराया जा रहा है. इस बीच कोरोना वायरस से चीन में 26 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 830 लोग संक्रमित हैं.
दरअसल, भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली, मुंबई व कोलकाता हवाई अड्डों पर चीन से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की एहतियातन थर्मल स्कैनर के जरिए जांच करने के निर्देश दे दिए हैं. इस संबंध में विमानों में भी घोषणाएं की जा रही हैं. चीन जाने वाले और वहां से आने वाले यात्रियों के लिए परामर्श जारी किया गया है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने पर जल्द निर्णय लिया जाएगा. क्योंकि इस तरह की घोषणा होने पर कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास तेज होंगे.
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क्या है कोरोना वायरस:
कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है. यह वायरस ऊंट, बिल्ली और चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना वायरस सी-फूड से जुड़ा है.

क्या हैं इसके लक्षण:
कोरोना वायरस के मरीजों में जुखाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसे शुरुआती लक्षण देखे जाते हैं. इसके बाद ये लक्षण न्यूमोनिया में बदल जाते हैं और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं. फेफड़े में गंभीर किस्म का संक्रमण हो जाता है.
अभी तक इस वायरस से निजात पाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनाई गई है. लेकिन इसके लक्षणों के आधार पर ही चिकित्सक इसके इलाज में दूसरी जरूरी दवाओं का उपयोग कर रहे हैं. हालांकि अब इसकी दवा भी खोजी जा रही है.

ये हैं बचाव के उपाय:
-अपने हाथ साबुन और पानी या अल्कोहल युक्त हैंड रब से साफ करें.
-खांसते और छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें.
-जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें.
-इसके अलावा खाने को अच्छे से पकाएं, मीट और अंडों को भी पकाकर ही खाएं. जानवरों के संपर्क में कम आएं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी के कुछ वैज्ञानिकों ने इसकी वैक्सीन तैयार करने के फॉर्मूले का पहला पड़ाव पार कर लिया है. जल्द ही इसकी आधिकारिक दवा का ऐलान किया जा सकता है.
भारत की स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के परामर्श के अनुसार स्थिति पर नजर रखी जा रही है. इस वायरस का मानव से मानव संक्रमण वैश्विक स्तर पर कम है. इसलिए सीमित मानव से मानव संक्रमण के तथ्य को भी ध्यान में रखा जा रहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयोगशाला जांच, निगरानी, संक्रमण रोकथाम व नियंत्रण (आईपीसी) और जोखिम संचार पर सभी संबंधितों को आवश्यक निर्देश जारी किया हैं. इसके साथ ही सामुदायिक निगरानी के लिए एकीकृत बीमारी निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) बनाया गया है.