शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में नंबर दो माने जाने वाले नरोत्तम मिश्रा को गृह के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मंत्री बनते ही एक्शन में आए नरोत्तम मिश्रा ने कोरोना के रैपिड टेस्ट किट पर रोक लगा दी है. साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश में कोरोना फैलने के लिए कमलनाथ सरकार को दोषी ठहराया है.
जामातियों की वजह से फैला कोरोना-मिश्रा
शिवराज सिंह चौहान के सत्ता संभालने और कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश को एक महीने के बाद स्वास्थ्य मंत्री मिला है. शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में नंबर दो माने जाने वाले नरोत्तम मिश्रा को गृह के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मंत्री बनते ही एक्शन में आए नरोत्तम मिश्रा ने कोरोना के रैपिड टेस्ट किट पर रोक लगा दी है. साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश में कोरोना फैलने के लिए कमलनाथ सरकार को दोषी ठहराया है.
मध्यप्रदेश सरकार ने रैपिड टेस्ट किट पर रोक लगाई है. राज्य सरकार ने 50 हजार रैपिड टेस्ट किट मंगवाई थी, जिसमें से केंद्र सरकार से 30 हजार किट मिल गयी थी. लेकिन, रैपिड टेस्ट किट पर उठ रहे सवालों के मद्देनजर एमपी सरकार रैपिड टेस्ट किट का उपयोग नहीं करेगी.मध्य प्रदेश में लॉकडाउन बढ़ाने के लोकर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि देश भर में लॉकडाउन लगाने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है. ऐसे में अब जब केंद्र सरकार लॉकडाउन के संबंधित जो भी फैसला करेगी, राज्य सरकार उस पर अमल करेगी. मध्य प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया है कि अभी इंदौर में और भी मामले बढ़ेंगे, लेकिन 3 मई तक हालात को पूरी तरह से काबू कर लेंगे.
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इंदौर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के सवाल पर नरोत्तम मिश्रा ने पुरानी कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि ‘उनका इंटेलिजेंस फेल था, क्योंकि जमाती बड़ी संख्या में इंदौर आए हैं. इंदौर में बेहद संकरी गलियां हैं, जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण लोगों के बीच तेजी से फैल गया है. उन्होंने कहा कि जो जमात के लोग आए थे उन्होंने खुद से आगे आकर जांच नहीं करायी, जिसकी वजह से काफी फैल गया है.
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रशासन कमलनाथ की इच्छा की पूर्ति के लिए आइफा में लगा रहा. वो सलमान खान और जैकलीन की चिंता करने में लगा रहा. जैकलीन की वजह से जमातियों की चिंता नहीं हो रही थी. वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 तारीख को रात 9 बजे शपथ ली और उसी दिन रात 10 बजे कोरोना संक्रमण को लेकर बैठक लिया. इससे जल्दी और क्या हो सकता था.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के लोग हम पर आरोप लगाते हैं कि हमने सरकार गिराई जबकि इस्तीफा तो उन्हीं के लोगों ने दिया है. हालांकि इसकी शुरुआत उन्होंने की थी. हमारे 2 विधायकों को उन्होंने पिछले सत्र में अपने साथ बैठा लिया था. हमको गुनहगार कैसे ठहरा रहे हैं? विधायकों के तोड़फोड़ की शुरुआत वो करेंगे तो हम कमजोर थे क्या जो खामोश बैठे रहते?