इंदौर। प्रवासी मजदूरों की वापसी और दी जा रही छूट के चलते ग्रामीण इलाकों में भी संक्रमण फैल सकता है। शासन‑प्रशासन इसको लेकर चिंतित भी है। पूरे प्रदेश में अभी लगभग 500 से ज्यादा मजदूर पॉजिटिव पाए गए हैं, जो अन्य राज्यों से अपने गांव लौटे। वहीं 11 जिलों में भी संक्रमण तेजी से बढऩे का खतरा है।
अब शहर के साथ‑साथ ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है। हालांकि शासन मजदूरों की हेल्थ स्क्रीनिंग के दावे कर रहा है, लेकिन लाखों की तादाद में आने वाले इन मजदूरों की स्क्रीनिंग और इन्हें क्वारेंटाइन में रखना संभव नहीं है। ट्रक, बस, कंटेनर या अन्य साधनों व पैदल ही मजदूर घर पहुंच गए हैं। शासन ने 5 लाख से ज्यादा मजदूरों को ट्रेनों-बसों से लाने का दावा किया है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने गांवों के सरपंचों को जिम्मेदारी दी कि वे अपने-अपने गांव को कोरोना से सुरक्षित रखें। दूसरी तरफ प्रदेशभर में 500 से ज्यादा मजदूरों के पॉजिटिव होने की जानकारी सामने आई है। ये सभी मजदूर पिछले दिनों ही प्रदेश के लगभग सभी ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचे हैं। इंदौर शहर में तो जहां कोरोना संक्रमण जारी है और रोजाना 70–80 पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं, वहीं 29 गांवों सहित अन्य जो आर्थिक गतिविधियों को मंजूरी दी है, उससे भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढऩे का अनुमान लगाया गया है। इसके अलावा रतलाम, मंदसौर, जबलपुर, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, धार सहित 11 जिलों में भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका है।