समझिये कि आप क्यों बन गए ‘दैनिक बकवासकर’

समझिये कि आप क्यों बन गए 'दैनिक बकवासकर' कमाल का कंट्रास्ट है। एक तरफ आप कह रहे हैं कि आप डरते नहीं। दूसरी तरफ पिद्दी भर के शब्द 'छापे' ने…

निजता के हनन के मापदंड तय करने होंगे सरकार को

    सूचना के अधिकार कानून के तहत सरकार और संवैधानिक संस्थान तय करती है कि सूचना निजी है या नहीं. मापदंडों की व्याख्या नहीं होने के कारण सही सूचना…

Israeli Pegasus Spyware: अगर धुआं उठ रहा है तो आग भी कहीं अवश्य लगी होगी

    अभय कुमार 'अभय'। अगर धुआं दिखाई दे रहा है तो आग भी कहीं अवश्य लगी होगी। इसलिए इस खबर को सिरे से खारिज करना उचित नहीं होगा कि पेगासस…

सहकारी क्षेत्र आधारित नया आर्थिक माडल समय की मांग और जरुरत

    सहकारी क्षेत्र पर आधरित आर्थिक मॉडल की मुख्य चुनौतियां ग्रामीण इलाकों में कार्य कर रही जिला केंद्रीय सहकारी बैकों की शाखाओं के सामने हैं। इन बैंकों द्वारा ऋण…

क्या जनहितैषी और जनहित के निर्णयों के लिए सरकारों को चाहिए कोर्ट से निर्देश?

    हाल के कुछ सालों में यह देखने अक्सर मिल रहा है कि जनहित के मुद्दों पर चाहे केन्द्र सरकार हो या फिर राज्य सरकारें, स्वत: निर्णय न लेकर…

82000 करोड़ रुपये का कोई दावेदार नहीं

  आप जानकार चौंक जाएंगे कि बैंकों, म्‍यूचुअल फंडों, बीमा कंपनियों और पीएफ में 82000 करोड़ रुपये की पूंजी पड़ी है जिसका कोई दावेदार नहीं है. दरअसल, कई बार होता…

करंट से होने वाली दुर्घटनाएं – सावधानी बरतने की सलाह

  मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने जनता को आगाह किया है कि जरा सी असावधानी दुर्घटना का कारण बन सकती है। आमजन करंट से होने वाली दुघटनाओं की रोकथाम में…

क्या एलआईसी का निजीकरण और विनिवेश सरकार का सही कदम?

    एलआईसी की सूचीबद्धता सरकार के चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये…

बेहिसाब मंहगाई, मिलावटखोरी और मुनाफाखोरी पर सरकार को कसनी होगी लगाम

    पेट्रोल डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि ने लोगों की वैसे ही कमर तोड़ रखी है और उस पर दवाईयों और मेडिकल उपकरणों पर बेहिसाब मुनाफाखोरी. ऐसा लगता…

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने बैठने का कायदा भूल गए सिंधिया

*केंद्रीय मंत्री का पद मिलते ही अंहकार से भर गए है श्रीमंत सिंधिया *मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने बैठने का कायदा भूल गए सिंधिया *उम्र और राजनीतिक अनुभव में…