प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज यानी शनिवार को बायजूस (BYJU’s) के फाउंडर और CEO बायजू रवींद्रन के बेंगलुरु स्थित तीन ठिकानों की तलाशी ले रही है। ED फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के प्रावधानों के तहत ये कार्रवाई कर रही है। यह छापेमारी बायजू रवींद्रन और उनकी कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर की गई है।
आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त
एजेंसी के मुताबिक, अधिकारियों ने तलाशी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त किया है। जांच एजेंसी के अनुसार, कंपनी को 2011 और 2023 के बीच 28,000 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) मिला है। इसके अलावा कंपनी ने भी FDI के नाम पर पैसा अलग-अलग देशों में भेजा।
कंपनी ने विज्ञापन पर करीब 944 करोड़ रुपए खर्च किए
ED के अनुसार, बायजू के नाम से ऐडटेक प्लेटफॉर्म चलाने वाली थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ने विज्ञापन और मार्केटिंग खर्च के नाम पर करीब 944 करोड़ रुपए खर्च किए थे। वहीं कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 से अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट तैयार नहीं किए और खातों का ऑडिट नहीं कराया। इसलिए इसकी जांच की जा रही है।
बायजू रवींद्रन को समन जारी हुए, वे कभी पेश नहीं हुए
एजेंसी के मुताबिक यह कार्रवाई निजी लोगों द्वारा की गई शिकायतों के आधार पर की गई है। इसके अलावा रवींद्रन पर आरोप है कि उनके नाम पर कई समन जारी किए गए, लेकिन वह ED से बचते रहे और कभी पेश नहीं हुए।
फरवरी में बायजूस ने 1,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
बायजूस ने फरवरी महीने में करीब 1,500 कर्मचारियों की छंटनी की थी। इससे पहले अक्तूबर में बायजूस ने करीब 2,500 कर्मचारियों की छंटनी की थी। ज्यादा लागत और ऑपरेशंस की आउटसोर्सिंग का हवाला देते हुए ये छंटनी की गई थी
एडटेक कंपनी BYJU’S ने पॉपुलर फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी को अपनी सोशल इम्पैक्ट आर्म- एजुकेशन फॉर ऑल का ब्रांड एंबेसडर बनाया है। दिलचस्प बात यह है कि BYJU’S ने ये डील ऐसे समय में साइन की थी जब प्रॉफिटेबिलिटी की तरफ बढ़ने और कॉस्ट को कंट्रोल करने के लिए करीब 2,500 कर्मचारियों की छंटनी की थी।
बायजूस पर आरोप- जिसकी जैसी कमाई-वैसी फीस:कंपनी ने कहा- हम आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता की मदद करेंगे
बायजूस अब स्टूडेंट्स को साइन अप करने से पहले उनके पेरेंट्स का टेस्ट लेगा। इससे उनका फाइनेंशियल स्टेटस पता लगा लिया जाएगा और उसी के हिसाब से बच्चों की फीस तय की जाएगी। यह आरोप राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने लगाए हैं।