भोपाल। प्रदेश के पांच जिलों में प्रभारी मंत्रियों की अनुमोदित तबादला सूची को जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर पर रोक दिया गया है। इसकी वजह से इन जिलों के डेढ़ हजार शिक्षकों का स्वैच्छिक तबादला अधर में लटक गया है। स्वैच्छिक तबादलों की प्रक्रिया 20 जून को ही बंद हो गई है। अब गेंद मुख्यमंत्री के पाले में है। वह चाहेंगे तभी इस सूची में शामिल शिक्षकों का तबादला हो पाएगा।
सूची में शामिल नाम पोर्टल पर अपलोड नहीं किया
रायसेन जिले में प्रभारी मंत्री नारायण सिंह पंवार की ओर से अनुमोदित सूची के बाद भी 236 शिक्षकों के तबादले नहीं हुए। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) डीडी रजक ने यह कहते हुए सूची में शामिल नामों को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया कि मंत्री का निजी स्टाफ फोन पर नाम दर्ज करवाना चाहता था। अकेले रायसेन ही नहीं धार, सिवनी, आगर मालवा व छतरपुर में करीब डेढ़ हजार शिक्षकों के तबादले वहां के डीईओ ने प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद भी नहीं किए हैं।
42 हजार शिक्षकों का स्वैच्छिक तबादले का आवेदन
बता दें कि प्रदेश के 42 हजार शिक्षकों ने स्वैच्छिक तबादले का आवेदन किया था। इनमें से सिर्फ आठ हजार का तबादला किया गया। इसमें सभी गंभीर बीमारी से पीड़ित, तलाकशुदा या किसी अन्य कारण वाले शिक्षक शामिल हैं। प्रशासकीय स्तर पर पांच हजार आवेदन आए थे, जिसमें से दो हजार का तबादला किया गया। रायसेन के प्रभारी मंत्री नारायण सिंह पंवार का कहना है कि उन्होंने इस मामले की शिकायत शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से की है।
भोपाल में सिर्फ प्रभारी मंत्री की आधी बात मानी
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तबादले 20 जून तक ही होने थे। अब इस सूची में शामिल लोगों के तबादले के लिए शासन स्तर से निर्देश चाहिए। इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाना होगा। भोपाल के प्रभारी मंत्री चेतन कश्यप ने 50 शिक्षकों की सूची अनुमोदित कर भेजी थी। डीईओ एनके अहिरवार ने बताया कि उस सूची से 21 शिक्षकों के तबादले किए गए। अन्य शिक्षक अपात्र थे, इस कारण उनका स्थानांतरण नहीं हुआ।
अगर शासन स्तर से दिशा-निर्देश मिलेंगे तो ही शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सामान्य तौर पर अब साल भर तबादले नहीं होंगे।
-डॉ. संजय गोयल, सचिव, स्कूल शिक्षा