ग्रीन कॉरिडोर बनाने वाले शहर में, ट्राफिक जाम से मौतें, जिम्मेदार कौन ?

 

राजेंद्र.गुप्ता:

*जनता सरकार को हर काम में सहयोग करती है, फिर भी जनता ही मरती है….*

*ट्राफिक व्यवस्था सुचारू करने के लिए कोई संगठन और उनका नेतृत्व सक्रिय क्यों नहीं हुआ ?*

*ये उन अफसरों की (ना)काबिलियत भी है जो 25—50 साल आगे की प्लानिंग बनाने का दावा करते है*

इंदौर । जनता को आश्चर्य होता है ! जो संगठन और उनका नेतृत्व करने वाले घर—घर पहुंचे का दावा करते है, दुनिया को हिला देने की हुंकार भरते है वो कुछ स्थान पर, ट्राफिक व्यवस्था सुचारू करने में पुलिस, प्रशासन का सहयोग करने के लिए सक्रिय क्यों नहीं हुए ? अंगदान के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने वाले शहर में, ट्राफिक जाम से बेगुनाह जनता की मौतों के लिए जिम्मेदार कौन है, उनको नामजद सार्वजनिक किया जाना चाहिए अन्यथा जिम्मेदारों की जिम्मेदारी सिर्फ मोटी तनख्वाह और सुविधाएं भोगने तक ही सीमित हो चुकी है….निर्माण के नियमों का पालन किया गया है या नहीं, ये भी जनता के सामने आना चाहिए…..अवॉर्ड लेने वाले शहर की ट्राफिक जाम की घटनाओं से पूरी दुनिया में बदनामी हो रही है……जनता हर काम में सरकार को सहयोग करती है, फिर भी जनता ही मरती है….

कलेक्टर को सड़क पर उतरना पड़ा —

क्या सिर्फ राजनीतिक और अन्य लाभ के लिए ही संगठनों के नेता सक्रिय होते है ? जनता पर टैक्स का भार निगम ने हाल ही में फिर बढ़ाया है किन्तु उस अनुपात में सुविधाएं नहीं बढ़ाई जाती है। क्या निगम और ट्राफिक पुलिस अफसर सिर्फ जनता से वसूली की प्लानिंग बनाने में ही सफल होते है ? नोटिस भेज कर, टेक्स वसूली के लिए जनता में भय बनाने वाले निगम अफसर ट्राफिक सुधार के नाम पर हर वर्ष करोड़ो रूपये उड़ा (खर्च कर) देते है । जनता को सुविधाएं देने और जीवन सुचारू चल सके इसकी पुख्ता व्यवस्था करने में जिम्मेदार अफसर फेल क्यों हो जाते है ? भला हो कलेक्टर आशीष सिंह का जिन्होंने स्वयं मैदान में उतर कर व्यवस्थाएं संभाली और सक्रिय हुए, जिससे जिम्मेदारों को कुछ तो शर्म आई होगी….

 

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