एमपी में बंद होंगे 791 स्कूल! हजारों बच्चों का भविष्य दांव प

 

मध्य प्रदेश के रतलाम संभाग के 791 निजी स्कूलों की मान्यता संकट में आ गई है। रतलाम जिले के 68 सहित पूरे संभाग में इन स्कूलों ने मान्यता और नवीनीकरण के लिए आवेदन तो भरा, लेकिन उसे लॉक ही नहीं किया। जिन स्कूलों ने लॉक कर दिया, उन्होंने बीआरसीसी को फारवर्ड नहीं किया। अगर 1 अप्रैल तक कोई समाधान नहीं निकला, तो इन स्कूलों में ताले लग सकते हैं, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक सकता है।

 

एमपी के इस जिले में 184 स्कूलों की मान्यता रद्द, हो सकती है तगड़ी कार्रवाई !

 

तीन बार बढ़ी तारीख, फिर भी अधूरे आवेदन

 

राज्य शिक्षा केंद्र ने स्कूलों को तीन बार आवेदन लॉक करने की तारीख बढ़ाने का मौका दिया। इसके बावजूद 791 स्कूल संचालकों ने इसे पूरा नहीं किया, जिससे संकट गहरा गया है।

क्या है स्कूलों की मांग?

निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि मान्यता के लिए रजिस्टर्ड किरायानामा अनिवार्यता खत्म की जाए। किराए के भवनों में चल रहे कई स्कूलों के लिए यह बाध्यता भारी पड़ रही है। इस नियम के खिलाफ संचालकों ने कई बार आंदोलन किए, लेकिन सरकार ने केवल आवेदन की समय-सीमा बढ़ाई, नियम में बदलाव नहीं किया।

 

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला

मप्र अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपेश ओझा ने बताया कि सरकार ने रजिस्टर्ड किरायानामा अनिवार्य किया है, लेकिन संपदा-2 पोर्टल पर रजिस्ट्री की प्रक्रिया ही अटकी हुई है। इससे स्कूल संचालक परेशान हैं और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

प्रशासन ने क्या कहा?

डीपीसी धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि नियम शासन के हैं, इसलिए उनके अनुसार ही काम होगा। जो आवेदन हमारे पास आए हैं, उनकी मान्यता प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बाकी स्कूलों पर निर्णय राज्य शिक्षा केंद्र ही करेगा।

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