क्यों कर रहे हैं किसान प्रदर्शन….

 

कई किसानों ने चिंता जताई है कि टैक्स की वजह से पारिवारिक खेत खत्म हो जाएंगे, क्योंकि वे अक्सर कम प्रॉफिट मार्जिन पर काम करते हैं. डर यह है कि पीढ़ियों से खेतों को आगे बढ़ाने के बजाय, परिवारों को टैक्स देने के लिए अपनी जमीन बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. यह विरोध प्रदर्शन 148,000 से ज्यादा लोगों की ओर से ऑनलाइन साइन ई-याचिका पर संसदीय बहस के साथ हुआ, जिसमें कामकाजी खेतों के लिए कर राहत की मांग की गई थी. रिफॉर्म यूके पार्टी के नेता निगेल फरेज ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया और सभी डेथ-टैक्स को खत्म करने का आह्वान किया. हालांकि, आयोजकों ने फरेज से खुद को अलग कर लिया और इस बात पर जोर दिया कि उनका विरोध गैर-राजनेतिक है और पूरी तरह से ब्रिटिश कृषि के लिए कर राहत हासिल करने पर केंद्रित है.

↪️ सरकार पीछे हटने को तैयार नहीं….

बढ़ते दबाव के बावजूद लेबर पार्टी ने नीति का बचाव करते हुए तर्क दिया है कि सार्वजनिक सेवाओं को जारी रखने के लिए टैक्स जरूरी है. लेकिन किसानों ने चेतावनी दी है कि ऐसी नीतियों से खाद्यान्न की कमी हो सकती है और आयातित कृषि वस्तुओं पर निर्भरता बढ़ सकती है, जिससे ब्रिटेन की आत्मनिर्भरता कमजोर हो सकती है.

↪️ पूरा विश्व लपेटे में….पिछले एक साल में, भारत, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली, पोलैंड, बेल्जियम और ग्रीस में कृषि श्रमिकों ने इसी तरह के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए हैं, जिसमें सड़कों को जाम किया गया और अपनी शिकायतों के साथ सरकारी इमारतों को निशाना बनाया है ▪️

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