राजस्थान : 120 सीटों के स्पष्ट नतीजे चर्चा में, कई कद्दावर नेताओ की सीट संकट में,

 

*राजस्थान में 120 सीटों के स्पष्ट नतीजे चर्चा में, कई कद्दावर नेताओ की सीट संकट में,

रुझानों पर सरकार बनाने की प्री तैयारिया तेज*

जयपुर : राजस्थान में 199 विधानसभा सीट पर चुनाव के बाद आ रहें संकेतों में किसी भी प्रमुख पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल होता नहीं दिख रहा हैं।
अंदरूनी खबरें आ रही हैं कि भाजपा की जीत का अंतर कम हुआ तो वहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को मुख्यमंत्री घोषित करना जोखिम भरा होगा। यहां वसुंधरा राजे जी गेम करके अशोक गहलोत जी का साथ दे सकती हैं और उनकी मदद से कांग्रेस पार्टी की सरकार बन सकती है। यानि बीजेपी यदि पूर्ण बहुमत में आई तो पार्टी हाईकमान लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को मुख्यमंत्री बना सकता है, जोड़ तोड़ की सरकार बनने की स्थिति में भाजपा दिया कुमारी को भी आगे ला सकती हैं।
अगर बीजेपी और कांग्रेस के जीत के बीच सीटों का गैप कम हुआ तो बागी खेल कर जाएंगे। चर्चा इस बात की भी है कि रिजल्ट से पहले कांग्रेस और बीजेपी अपने उन बागियों को साधने में लग गई हैं जिनके जीत के चांसेज ज्यादा हैं।
राजस्थान में बागी हुए नेताओं तथा अन्य पार्टियों के कई नेता चुनाव जीत रहें हैं, ये संख्या क़रीब 15 हों सकती हैं। उधर कांग्रेस भाजपा के कुछ प्रमुख नेताओं की सीट फंसी होने या हारने की चर्चा से पार्टियों का गणित गड़बड़ा गया हैं। सूत्रों के अनुसार राजस्थान विधानसभा चुनाव की एक सौ बीस सीटों की एकदम स्पष्ट जीत – हार का आकलन दोनों प्रमुख पार्टी के पास आ गया है।
इनमें सरदारपुरा से अशोक गहलोत, टोंक से सचिन पायलट और सिविल लाइंस विधानसभा सीट से प्रताप सिंह खाचरियावास के चुनाव जीतने की पूरी संभावना है. इसके अलावा विद्याधरनगर से भाजपा नेता दीया कुमारी भी एकतरफा जीत रही है.
वहीं गहलोत के मंत्री बीडी कल्ला चुनाव हार रहे हैं. कांग्रेस की दिग्गज नेता दिव्या मदेरणा भी ओसियां से चुनाव हार रही है. इसके अलावा बाली से कांग्रेस प्रत्याशी बद्रीराम जाखड़ के भी हारने का दावा किया जा रहा है.
भाजपा के हारने वाले नेताओं में राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनिया, किरोड़ी लाल मीणा, रामलाल शर्मा, नरपतसिंह राजवी, भागीरथ चौधरी, वासुदेव देवनानी, देवजी भाई पटेल, राजकुमार रिणवां, प्रभुलाल सैनी, दिप्ती माहेश्वरी के नाम आ रहे हैं।
कोटा सीट पर मंत्री शांति धारीवाल, तिजारा में बीजेपी नेता बाबा बालकनाथ और खींवसर में आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल, ज्योति मिर्धा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और प्रहलाद गुंजल की सीटों में जबरदस्त टक्कर है।
चर्चा हैं कि बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़ रहे रविंद्र सिंह भाटी तथा बाड़मेर विधानसभा सीट से बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रही प्रियंका चौधरी के भी जीतने की संभावना है।

दो सौ सीट वाली विधानसभा क्षेत्र में से एक सौ बीस सीट के स्पष्ट आकलन को देखते हुए कांग्रेस और भाजपा राजस्थान में अपनी अपनी सरकार बनाने के लिए तैयारी करते नजर आ रहे हैं।
हालाकि भाजपा हाईकमान के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार भाजपा 85 से 90 सीटों पर राजस्थान में सिमट सकती है, इसके लिए अब जोर – शोर से निर्दलियों को भी पाले में लाने के लिए तैयारियां चालू हो गई है।
वहीं कांग्रेस पूरी की पूरी अशोक गहलोत की जादुई व्यूह रचना से आगे बढ़ती नजर आ रही है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा हाईकमान ने राजस्थान में मुख्यमंत्री के रूप में संकेत दिए हैं कि वसुंधरा राजे सिंधिया जी को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा, चाहे पार्टी सत्ता में आने लायक बहुमत मिले या जोड़तोड़ की सरकार बनाने की स्थिति हो।
जबकि मुख्यमंत्री के रूप में दिया कुमारी पर भाजपा का मानस बनने की ख़बर भी चर्चा बनी हुई है।
प्रमुख दोनों पार्टियों में काटे की टक्टर की खबरों के बिच आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के जयपुर स्थित सरकारी आवास पर फीडबैक लेने की भी खबर हैं।
बताया जा रहा है कि तकरीबन 20 विधानसभा क्षेत्र के RLP तथा ASP के प्रत्याशी से हनुमान बेनीवाल मिले तथा सभी से अलग अलग फीडबैक लिया, इस अवसर पर भोज का आयोजन भी किया गया।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी हनुमान बेनीवाल से कुछ दिन पहले ही मुलाकात कर चुके हैं तथा इसी कड़ी में यह प्रक्रिया आगे बढ़ रही हैं।

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