बासमती चावल के व्यापारियों के लिए राहत भरी खबर है. केंद्र सरकार ने बासमती चावल के मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस को कम करने का फैसला किया है. कहा जा रहा है कि सरकार बासमती चावल का फ्लोर प्राइस घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर सकती है.
इससे चावल निर्यातकों को काफी फायदा होगा. हालांकि, वर्तमान में बासमती चावल का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 1,200 डॉलर प्रति टन है.
दरअसल, कल यानी सोमवार को बासमती चावल के निर्यातकों और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के बीच एक वर्चुअल बैठक हुई थी. इस बैठक में बासमती चावल के निर्यातकों की मांग पर मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस को कम करने का फैसला लिया गया. बैठक के दौरान चावल निर्यातकों ने कहा कि अधिक मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस के चलते विदेशों में भारतीय चावल का निर्यात कम हो गया है. ऐसे में डिमांड को पूरा करने के लिए पाकिस्तान के व्यापारी इंटरनेशनल मार्केट में धीर- धीर मजबूत पकड़ बना रहे हैं, क्योंकि उसका भाव इंडिया के बासमती चावल से काफी कम है.
चावल की मांग विश्व बाजार में बढ़ जाएगी
केंद्र सरकार से इस फैसले से बासमती चावल के उत्पादक किसान और निर्यातक व्यापारी काफी खुश हैं. उन्हें उम्मीद है कि मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस कम करने से बासमती चावल की मांग विश्व बाजार में बढ़ जाएगी. ऐसे में भारत से बासमती चावल का निर्यात भी बढ़ेगा, जिससे किसानों और व्यापारियों को सीधा फायदा होगा. दरअसल, बीते 25 अगस्त को केंद्र ने बासमती का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस बढ़ाकर 1200 डॉलर प्रति टन कर दिया था. इससे चावल निर्यातक काफी परेशान थे, क्योंकि निर्यात में कमी आ गई थी.
किसानों की इनकम में सुधार होगा
हालांकि, 25 सितंबर को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने व्यापारियों को मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस कम करके 850 डॉलर प्रति टन करने का भरसो दिया था. लेकिन, 14 अक्टूबर को एक बार फिर एक्सपोर्टरों की उम्मीदों पर पानी फिर गया. चावल का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 1200 डॉलर प्रति टन ही जारी रहा. पर 23 अक्टूबर की बैठक में सरकार ने मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस को कम करने का फैसला लिया. ऐसे में व्यापारियों की उम्मीद है कि कुछ दिनों में सबकुछ सामान्य हो जाएगा. साथ ही किसानों की इनकम में सुधार होगा.