प्रदेश के इतिहास में पहली बार अद्भुत कारनामा,कुछ घंटो के लिए बनाये मंत्री

 

सत्ता सुख के लिए मामा जो भी करे वो कम ही है,,, मामा प्रदेश की डोर अपने हाथ में ही रखना चाहते हैं और कोई भी मौका हाथ से जाने नही देना चाहते है क्योंकि उन्हें विपक्ष में बैठना जरा भी रास नही आता,,, कितनी विचित्र और अद्भुत मसला है कि मात्र और मात्र 1000 घंटे के लिए ही तीन मंत्री बनाए जा रहे हैं,,, यूं कहें लगभग 280 घंटे तो ये सोने में बिताएगें वहीं 720 घंटे मंत्री पद का सुख भोगेंगे , मस्ती लेंगे और अपने बरसों के मनोरथ भी पूरे करेंगे,,,,

इन्हें मंत्री बनाएं या नहीं इस मशक्कत पर ही शिवराज ने 96 घंटे खपा दिए,,, प्रदेश में पार्टी के तमाम विधायकों को मंत्री या राज्य मंत्री या प्रकोष्ठ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष , बोर्ड सदस्य या राज्य मंत्री या कुछ भी सत्ता सुख दे देना चाहिए ताकि वह फिर से इधर – उधर ताका – झांकी न करें,,, जितने भी बागी हैं उन्हें भी किसी भी जिले का प्रभारी या अन्य सत्ता लोलुपता से नवाजा जाना ही चाहिए ताकि उनको भी बची – कुची ही सही कुछ खुरचन तो हाथ लगे,,,, साथ ही उन्हें सरकारी सुविधाएं, गाड़ी, ड्राइवर व अन्य उपलब्ध कराना चाहिए,,, उनका कार्य सिर्फ और सिर्फ सरकारी कार्यों का गुणगान और महिमागान करना हो,,, या फिर शिवराज का मुखबिर ही बने जो इधर – उधर की खबर भी दें साथ ही बागियों पर भी टेढ़ी नजर रखें,,, प्रदेश कर्ज से बोझ से दबा है, अभी कर्ज की स्थिति मात्र 3.50 लाख करोड़ है जब तक ये आंकड़ा 5 लाख करोड़ तक नहीं आता बिलकुल भी, तनिक भी चिंता नहीं करना चाहिए,नए नवेले मंत्रियों को बड़े ही प्रेम से झुनझुना बजाना चाहिए और बची – कुची खुरचन को अपने विवेक और बुद्धि से अधिक से अधिक बटोर ही लेना चाहिए,,,,, क्या पता फिर कब ये मौका हाथ लगे,,,, क्या पता वोटर क्या गुल खिला दें और फिर इंतजार ५ वर्षों का हों,,,,, ।।।।

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