पालतू जानवरों से इंसानों को हो सकती हैं ये बीमारियां, जानें क्या कहती है रिसर्च

 

 

कसर लोगों को जानवर पालने का शौक होता है. आमतौर पर घरों में कुत्तों और बिल्लियां को पाला जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन पालतू जानवरों से कुछ बीमारियां इंसानों को भी हो सकती हैं.

जानवरों से इंसानों में कई तरह के बैक्टीरिया प्रवेश कर सकते हैं. यह रिसर्च क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजी और इंफेक्शियश डिजीज (ECCMID) में प्रकाशित की गई है. इसमें कहा गया है कि इंसानों के शरीर में फैलने वाले ये बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के असर को भी कम कर सकते हैं. हालांकि रिसर्च में यह भी कहा गया है कि पालतू जानवरों से इंसान को कोई खतरनाक बीमारी नहीं होती.

इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने अस्पताल में भर्ती मरीजों में एक सुपरबग की पहचान की है. चैरीट यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में साल 2021 से लेकर 2002 तक भर्ती हुए करीब 3 हजार मरीजों के सैंपल लिए गए थे. ये सभी लोग पालतू जानवरों से संक्रमित हुए थे. इन सभी मरीजों में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस फैलाने वाले बैक्टीरिया की पहचान हुई थी. यानी जानवरों से इंसानों में मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट ऑर्गेनिज्म का प्रसार होने का खतरा है.

इस वजह से इंसानों में किसी भी दवा के खिलाफ रेजिस्टेंश की स्थिति बन सकती है. इससे उनपर कुछ दवाओं का असर होना मुश्किल है. जिससे कोई बीमारी इंसानों में बढ़ सकती है. जानवरों के नजदीकी संपर्क में आने से ये जीवाणु उनसे इंसानों में ट्रांसफर हो सकते हैं.

रिंगवर्म संक्रमण का खतरा

पालतू जानवरों से इंसानों में रिंगवर्म जैसी बीमारियों का खतरा हो सकता है. यह एक फंगस वाली बीमारी है. इससे स्किन पर खुजली, या दाने निकलने की समस्या हो सकती है. हालांकि ऐसा संक्रमण बीमार जानवरों से ही होता है. ऐसे में अगर आपका पालतू जानवर बीमारी है तो उसकी स्किन को छूने से बचना चाहिए. ऐसे मामलों में जानवरों का ट्रीटमेंट कराएं. इस मामले में लापरवाही न करें.

अधिक रिसर्च की जरूरत

पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय में डॉ. एनआर रावत बताते हैं कि ऐसी किसी एक रिसर्च के आधार पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी हो सकता है. एंटीबायोटिक रजिस्टेंस के मामले दवाओं के अधिक सेवन से देखने को मिलते हैं, लेकिन जानवरों से ऐसे संक्रमण का खतरा बड़ा पैमान पर कहीं नहीं है. ऐसे में अभी इस तरह की रिसर्च को व्यापक तौर पर करने की जरूरत है. हालांकि अगर आपका पालतू जानवर बीमारी है तो उसका ट्रीटमेंट जरूर कराएं.

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