भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने शनिवार को ज्ञानवापी के तहखानों की जांच शुरू की। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी से चाभी मिलने के बाद विश्वनाथ मंदिर परिसर स्थिति नंदी के ठीक सामने दक्षिणी तहखाना में पूरे सर्वे हुआ।
तहखाने में हिन्दू देवी-देवताओं के चिह्नों के साथ ही खंडित मूर्तियां व खम्भे मिले हैं। एएसआई ने जीएनएसएस मशीन से तहखाने का थ्री-डी इमेज तैयार किया। यह मशीन सेटेलाइट की मदद से संचालित होती है।
एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. आलोक त्रिपाठी के नेतृत्व में 53 सदस्यीय टीम सुबह आठ बजे काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंच गई थी। उसी के आसपास अंजुमन इंतेजामिया के संयुक्त सचिव एमएस यासीन की अगुवाई में अधिवक्ता भी आ गए। सर्वे टीम ने करीब 8.15 बजे ज्ञानवापी में प्रवेश किया। ढांचे के केयर टेकर मो. एजाज ने पूरे परिसर की चाबी एएएसआई अधिकारियों को सौंप दी। टीम ने करीब 8.30 बजे से सर्वे शुरू किया।
दूसरे दिन के सर्वे की शुरुआत ढांचा के सभागार से हुई। यहां हिन्दू मंदिरों की स्थापत्य शैली में बने फूल, देवी-देवताओं के चिह्न मिले। यहां भी जीएनएसएस मशीन से थ्री-डी मैपिंग हुई। आंगन के खम्भों व दीवारों पर उभरीं जंजीर, घंटियां, कमल के फूल, त्रिशूल आदि की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कराई गई। चार हिस्सों में बंटी टीम में दूसरी टीम ने पश्चिमी किनारे दीवार के नीचे घास व मलबा हटवाया। हाथों से वहां अच्छी तरह सफाई की गई। उसे सुरक्षित करने के लिए मैटिंग हुई। सर्वे के दौरान मौजूद अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के प्रतिनिधि टीम को जानकारियां भी दे रहे थे।
व्यासजी के तहखाने की हुई फोटोग्राफी
शनिवार सुबह करीब 8.30 बजे से शुरू सर्वे दोपहर 12.30 बजे तक चला। इस दौरान व्यास जी का भी तहखाना खोला गया। उसमें मिट्टी, पत्थर, बांस व लकड़ियों का काफी मलबा पड़ा था। सर्वे टीम ने सफाई के लिए मंदिर प्रशासन से मदद मांगी। इसके बाद वीडियो व फोटोग्राफी कराई गई। मलबा अधिक होने के कारण अंदर सर्वे नहीं शुरू हो सका। तहखाने में प्रकाश व सफाई के लिए जिला और मंदिर प्रशासन से मदद मांगी गई है।
पश्चिमी दीवार पर उभरी मिली तीन फीट की मूर्ति
ज्ञानवापी के पश्चिमी दीवार के नीचे एएसआई टीम की सफाई के दौरान तीन फीट उभरी एक मूर्ति सामने आई। नागर शैली में बनी मूर्ति के बाबत हिन्दू पक्ष का कहना था कि मूर्ति खंडित थी। दीवार से सटी मूर्ति आधा मनुष्य व आधा पशु की आकृति में दिख रही थी।
नमाज व बारिश से रूका रहा सर्वे
नमाज के कारण सर्वे को दोपहर 12.30 बजे रोकना पड़ा। नमाज बाद दोपहर ढाई बजे दोबारा सर्वे शुरू हुआ। उसके कुछ ही देर बाद बारिश शुरू होने से तहखाने की जांच रोकनी पड़ी। हालांकि इस दौरान दो टीमें सभागार के अंदर सर्वे कर रही थीं।