देश के एक चौथाई हिस्से में सूखे के हालात, अगस्त में और खराब हो सकती है स्थिति
देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने के बावजूद एक चौथाई भूभाग सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। आईएमडी ने अगस्त में कमजोर मानसून की भविष्यवाणी की है। अगस्त में कमजोर मानसून के पूर्वानुमान को देखते हुए कुछ क्षेत्रों में स्थिति और खराब होने वाली है।
आईआईटी-गांधीनगर द्वारा संचालित भारत के पहले वास्तविक समय सूखा-निगरानी मंच, सूखा प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (डीईडब्ल्यूएस) के आंकड़ों के अनुसार, 27 अप्रैल 2023 को 22.4, 26 जून को 23.8, 19 जुलाई को 24.4 प्रतिशत सूखे के हालात थे। 26 से 31 जुलाई तक 25.1 प्रतिशत भाग शुष्क था। पिछले वर्ष की तुलना में इस अवधि के दौरान शुष्क क्षेत्र में 7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई (26 जुलाई 2022 को यह 18.1 प्रतिशत था)। कुल मिलाकर, 25.1% में से 6.3% भूमि अत्यधिक शुष्क, 9.6% गंभीर शुष्क परिस्थितियों में है। लगभग 9.1% भाग मध्यम शुष्क परिस्थिति में है।
सबसे अधिक प्रभावित राज्य
सूखे की चपेट में आने वाले क्षेत्र ज्यादातर पूर्वी राज्यों झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तर पूर्वी राज्यों मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्से हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्से भी सूखे की चपेट में हैं। बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 31 जुलाई तक क्रमशः 48, 46 और 22 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
अगस्त में सामान्य से कम वर्षा का अनुमान
आईएमडी ने 31 जुलाई को अपने आधिकारिक बयान में कहा, 2023 में दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम की दूसरी छमाही (अगस्त से सितंबर की अवधि) के दौरान पूरे देश में बारिश सामान्य होने की संभावना है, जहां तक अगस्त का सवाल है पूरे देश में मासिक वर्षा सामान्य से कम होने की संभावना है।