शिवराज का उड़नखटौला लैडिंग होगा विवादित हवाईपटृटी पर

 

शिवराज का उड़नखटौला लैडिंग होगा विवादित हवाईपटृटी पर

0शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का दर्ज है प्रकरण
0 बड़ा सवाल यहां क्यों नहीं चल रहा बूलडोजर

नागदा। मुख्यमंत्री शिवराजंिसंह चौहान समेत देश के कई प्रसिद्ध राजनेता उज्जैन जिले के नागदा स्थित ग्रेसिम की हवाई पटृटी पर अभी तक उतरे हैं। लेकिन यह पहला मौका है जब सीएम शिवराज का 20 जुलाई को उड़नखटौला वहां लैडिंग होगा जो भूमि अतिक्रमण के कारण विवादित हो चुकी है। लगभग पांच माह पहले प्रशासन ने एक जांच के बाद इस भूमि को चिन्हित कर तहसील कोर्ट में प्रकरण भी दायर कर दिया है। शिवराज उक्त तिथि को यहां एक कार्यक्रम मे ंभाग लेने आ रहे हैं। इसी विवादित भूमि पर उनके कदम पड़ेगे। वहां वे भी अफसर और राजनेतो मौजूद रहेंगे जो करोड़ों की इस विवादित भूमि पर सख्त कार्यवाही से कन्नी काट रहे हैं।
एक जांच के बाद ग्रेसिम की हवाई पटृटी का अधिकांश भाग शासकीय भूमि पर अतिक्रमण पाया गया है। इतना ही नहीं मप्र शासन ने ग्रेसिम प्रबंधन के खिलाफ अतिक्रमण हटाने के लिए तहसील कोर्ट में लगभग 5 माह पहले भू राजस्व संिहता की धारा 248 मे कार्यवाही के लिए प्रकरण दर्ज किया है। कोर्ट अतिक्रमण हटाने का आदेश दे उसके पहले ग्रेसिम प्रबंधक ने अपर कलेक्टर उज्जैन की अदालत में निगरानी भी दो माह पहले प्रस्तुत कर दी है। नागदा तहसील न्यायालय मे ंदर्ज प्रकरण की फाईलों को अपर कलेक्टर न्यायलय उज्जैन में तलब कर लिया गया है। इस पत्रकार के पास प्रमाणित एवं सुरक्षित दस्तावेजों के मुताबिक सर्वे क्रमांक 1290 रकबा 0345 हैक्टर में से 0 .050 हैक्टर भूमि ग्रेसिम ने हवाइ पटृटी बनाकर अतिक्रमण कर लिया है। तत्कालीन तहसीलदार ने इस मामले में पांच लोगों की एक टीम बनाकर प्रशासन के एक दल ने जांच 20 जनवरी 23 को सीमांकन रिपोर्ट का आदेश दिया था। दल ने 31 मार्च 2023 को अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी l

इस प्रकार से प्रकरण क्रमांक

इस भूमि के अलावा जांच में ग्रेसिम का और भी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण सामने आया है। जाकि इस प्रकार से हैं- शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 382/2 रकबा 0 ,512 हैक्टर एवं सर्वे क्रमांक 382/3 रकबा 0 .502 क्टर पर अतिक्रमण पाया गया है। इन तीनों अतिक्रमण का तहसील कोर्ट में मप्र भू राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत प्रकरण क्रमांक 33/अ-68/22-23 व 34 /अ-68/22-23 व 35-अ-68/22-23 दर्ज किया गया। बाद में यह ये तीनो प्रकरण अपर कलेक्टर न्यायलय में प्रकरण क्रमाक 17 निगरानी 23, 7 निगरानी
-23 व 8 निगरानी 23 पर पंजीबद्ध है है।

सवाल यहां बुलडोजर क्यों खामोश

यूं तो सरकार आम लोगों के द्धारा किए गए शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने पर बुलडोजर चला रही है , लेकिन यहंा ग्रेसिम के इतने लंबे हाथ के प्रशासन इस प्रकार की सख्त कार्यवाही से प्रशासन के कदम पीछे हट रहे है। मजेदार बात यह हैकि इस प्रकार की
शासकीय अतिक्रमण की भूमि पर प्रदेश की मुखिया शिवराज का उड़न खटोला लैडिंग होगा। और प्रशासन के सारे आला अफसर भी इस विवादित भूमि के साक्षी बनेंगे। इस प्रकरण मे ंनागदा के सारे भाजपा एवं कांग्रेस नेता भी खामोश है।

टाल- मटौल करते रहे अधिकारी

तत्कालीन उज्जैन कलेक्टर ने दिनांक 28 नवंबर 2022 को टीएल बैठक में जिले के सभी एसडीओं राजस्व को आदेश दिए थेकि वे शासकीय भूमियों से अतिक्रमण की कार्यवाही तुरंत करें। इस आदेश के बाद यह ग्रेंसिम हवाई पटृटी अतिक्रमण का यह मामला एसडीओ राजस्व नागदा की जनसुनवाई में सबसे पहले एक शिकायत से पहुंचा था। लेकिन कार्यवाही से अधिकारी बचते रहें। लगातार 6 बार जनसुनवाई में उठाने पर आखिरकार तहसीलदार को जांच में दिया गया। तत्कालीन तहसीलदार ने जब टीम गठन कर जांच की तो अतिक्रमण सही पाया गया। जांच के बाद भी अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को अधिकारियों ने टालने का प्रयास किया। नपा सीएमओं को गलत तरीके से प्रकरण कार्यवाही के लिए इसलिए सौप दिया कि कैसे भी इसको टाला जाए। इस कार्यवाही को नपा एवं एसडीओ राजस्व तथा तहसीलदार के बीच फुटबाल बनाया गया। बार बार जनसुनवाई से आखिरकार तहसील न्यायलय मे ंउक्त प्रकरण दर्ज हुआ।
साभार:  कैलाश सनोलिया

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