भोपाल, 06 जुलाई 2023,
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मप्र में आदिवासी समूह पर अत्याचार और सीधी में हुई अमानवीय घटना पर कहा कि 18 साल की शिवराज सिंह सरकार ने मध्यप्रदेश में कानून एवं व्यवस्था की ऐसी बदहाल व्यवस्था बनाई है कि कोई व्यक्ति, कोई समुदाय सुरक्षित नहीं है। मध्यप्रदेश का आदिवासी समाज आज गहरे संकट में है। आदिवासियों पर मध्यप्रदेश में सर्वाधिक अत्याचार और क्रूर घटनाएॅं हो रही है। नेमावर में हुए आदिवासी नरसंहार में मासूम बच्ची सहित परिवार के 6 सदस्यों को मारकर जमीन में गाड़ दिया गया, उसके परिजन आज तक न्याय के लिए भटक रहे हैं।
कमलनाथ ने कहा कि आज आवश्यकता पैर धोने की ही नहीं अपने मन का मैल धोने की भी है। नीमच में आदिवासी युवक को गाड़ी से बांधकर, घसीटकर मार डाला गया। गुना में आदिवासी महिला को डीजल डालकर जिंदा जला दिया गया। सिवनी में 2 आदिवासियों को पीट-पीट कर मार डाला गया और अब सीधी में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना हुई, जिसमें आदिवासी के मुॅंह पर पेशाब की गई। उक्त घटना देखकर माथा लज्जा से झुक जाता है।
कमलनाथ ने कहा कि दुखद पहलू यह है कि ऐसी क्रूर घटनाओं के पीछे सत्ताधारी दल भाजपा और इनसे जुड़े संगठनों के लोगों के नाम सामने आये हैं। आज सत्ताधारी दल के लोग बैखौफ होकर आदिवासियों पर, कमजोरों पर अत्याचार कर रहे हैं।
कमलनाथ ने कहा कि जब कोई घटना उजागर हो जाती है और उसके खिलाफ आंदोलन खड़ा हो जाता है, तभी भाजपा सरकार कार्यवाही करने का नाटक करती है और मामले के ठंडा होते ही लीपापोती करना शुरू कर देती है। झूठी संवेदनाएॅं दिखाने के लिए कैमरे के सामने नौटंकी कर गुमराह करने की राजनीति की जाती है। बात आरोपियों को जमीन में गाड़ने की होती है और काम उन्हें बचाने का होता है।
आज प्रश्न यह है कि:-
ऐसा क्यों है कि 18 साल की भाजपा सरकार प्रदेश में ऐसी व्यवस्था आज तक नहीं बना पाई, जो गरीब और कमजोर को सुरक्षा और न्याय दे सके?
ऐसा क्यों है कि कानून और व्यवस्था को सत्ताधारी दल के लोग हाथों की कठ-पुतली की तरह उपयोग कर रहे हैं?
ऐसा क्यों है कि मध्यप्रदेश आदिवासी अत्याचार में लगातार नम्बर एक पर आ रहा है?
18 साल में तो ऐसी व्यवस्था बन जानी चाहिए थी कि प्रदेश का हर एक गरीब और कमजोर व्यक्ति गर्व से सीना तानकर प्रदेश में सम्मान के साथ जीवन जी सके। पर दुख का विषय है कि भाजपा सरकार ऐसी व्यवस्था बनाने में पूरी तरह असफल रही है।
कमलनाथ ने कहा कि आज मध्यप्रदेश के कमजोर, दलित, आदिवासी, बच्चों और महिलाओं को खैरात की जरूरत नहीं है, उन्हें सम्मान और सुरक्षा के साथ मानव का जीवन जीने का अधिकार चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं प्रदेश के हर कमजोर व्यक्ति और समुदाय के साथ हॅूं और उनकी सुरक्षा का वचन देता हॅूं।