बिन बिजली सब सून,मचा हा-हाकार

श्रीगोपाल गुप्ता:

मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी को अब ये समझ लेना चाहिये कि यदि आज वे सत्रह साल से और भाजपा लगभग दो शसक से प्रदेश की सत्ता पर काबिज हैं तो उसका सबसे बड़ा श्रेय कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह को जाता है!क्योंकि सन् 1993 से 2003 तक प्रदेश की गद्दी पर काबिज रहे दिग्विजय सिंह सरकार की सबसे बड़ी नाकामी पूरे राज्य से बिजली का नदारत हो जाना रही! 10 साल कार्यकाल में आखरी के दो वर्षों में हालात इतने बदतर और बेकाबू हो गये थे कि किसी को भी यह कहना और पता लगाना मुस्किल हो गया था कि आखिर बिजली जाती कब है और आती कब है? परिणाम सामने है कि आजतक कांग्रेस सत्ता में वापिसी लिये तरसती हुई दिखलाई पढ़ रही है!इन दिनों प्रदेश में बिजली के हालात चुनावी रथ पर सवार शिवराज सिंह के शासनकाल में भी वही बेकाबू होते जा रहे हैं!बिजली कब आ रही है और कब जा रही है? ये कहना मुस्किल सा होता जा रहा है! पूरे प्रदेश में चारो तरफ हा-हाकार मचा हुआ है,एक तरफ जहां भंयकर गर्मी से आम जन बेहाल है वहीं बिजली न रहने से पीने के पानी का संकट पैदा हो गया है क्योंकि बिजली नहीं तो पीने का पानी और कुछ भी नहीं!मगर इसकी चिंता चुनावी रथ पर सवार सरकार और भाजपा दोंनो को नहीं है! अब तो दबे मूंह भाजपाई भी कहने लगे हैं बिजली पानी की भारी अव्यवस्थाओं के बीच इसी वर्ष होने वाले विधानसभा में पार्टी की विदाई तय है!

इसी सन्दर्भ में बात मुरैना की जाये तो इस भंयकर और जानलेवा भीषण गर्मी में मामा शिवराज सिंह की बिजली पूरी तरह आंख मिचौली खेलने में मशगूल है जबकि मजबूर और लाचार नौनिहाल,बच्चे बड़े और बूड़े नागरीक तिल-तिलकर गर्मी से राहत पाने के लिये बिजली के लिये तड़प रहे हैं! जबकि अपने मद और घंमड में चूर हुये बेलगाम बिजली कम्पनी के जिम्मेदार कारिंदे आम नागरीक के फोन उठाने में ही शर्म महसूस कर रहे हैं कोई बताने के लिये तैयार नहीं है कि घण्टों से गायब बिजली कब आयेगी? ऐसा लग रहा है शिव’राज में मुरैना जिला, जिला न होकर जंगल का इलाका है जहां बिजली की आवश्यकता ही नहीं!सबसे बड़ी दिक्कत उन व्यापर करने वाले उपभोक्ताओं के लिये है जो समय पर बिजली कम्पनी को पूरा भुगतान करते हैं जिससे बिजली कम्पनी अपना रुटेशन चला पा रही है! मगर बिजली के न रहने से यही उपभोक्ता सबसे ज्यादा परेशान हैं क्योंकि बिजली न रहने से पूरा व्यवसाय धवस्त हो गया है! इधर बिजली के नदारत रहने से चोर- आवारा टाइप के बदमाश भी सक्रिय हो गये हैं और अंधेरे का फायदा उठाकर लूट और चोरी की बारदातों को धड़ाधड़ अंजाम दे रहे हैं! चुनावी रथ पर सवार शिवराज और उनकी सरकार पुनः प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिये जनता के बीच बड़े-बड़े ब्राम्हास्त्र रुपी वादाओं की झड़ी लगा रहे हैं ! मगर अब उन्होने बिजली के मुद्दे पर जनता के दर्द को अनदेखा किया तो दिग्विजय सिंह की तरह जनता आसन्न विधानसभा चुनाव में किनारे भी लगा देगी! इसलिये शिवराज सिंह को चाहिये कि इस भीषण गर्मी से प्रदेश की जनता को निजात दिलाने के लिये बिजली की आपूर्ती निर्वाध गति से हो!क्योंकि आज के इस भौतिक युग में बिजली बिन सब सून है!

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