पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र पूर्व मंत्री दीपक जोशी के बाद मप्र की शिवराज सरकार में मंत्री व जबलपुर से विधायक रहे हरेंद्रजीत सिंह उर्फ बब्बू ने भी गुरुवार को दोपहर में तीखे तेवर दिखाए और मीडिया के साथ बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा पार्टी में गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं। शर्मा से उनकी जान का खतरा है।

हालांकि, करीब आठ घंटे बाद ही यू टर्न लेते हुए देर शाम मीडिया के सामने उन्होंने माफी मांगी और कहा कि मैंने अपने शब्द वापस ले लिए हैं। भाजपा में ऐसा कुछ नहीं है। मैं पार्टी के लिए जान दे सकता हूं। टिकट मिले न मिले, मैं भाजपा छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा। बब्बू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 20 मई को उन्हें मिलने के लिए बुलाया है। इस बीच पार्टी ने उनके बगावती सुर के लिए देर रात कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।

दोपहर में बब्बू ने कहा था कि उनकी पार्टी से नाराजगी के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष ने उनसे मिलने से भी इन्कार कर दिया।

बब्बू के मुताबिक उन्होंने अजय जामवाल, मुरलीधर राव सहित पार्टी के आठ वरिष्ठ नेताओं के सामने भी अपनी बात रखी, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला। पार्टी के प्रति समर्पण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 1977 की इमरजेंसी में मेरा परिवार जेल में रहा। मेरे 80 साल के दादा, पिता, चाचा और फूफा जेल में रहे। 1984 के दंगों में मेरे पिता और चाचा को जिंदा जलाया गया।

उन्‍होंने कहा कि उस घटना के बाद मेरे परिवार की क्या हालत हुई होगी, यह समझा जा सकता है। सदमे में मेरे दादा मर गए थे। 84 के दंगों में दादा के दो जवान लड़के मर गए थे। अकेले हम ही नहीं, हमारे जैसे हजारों-लाखों लोगों ने देश में इस पार्टी के लिए बलिदान दिया है। जिस प्रकार का माहौल आज की स्थिति में बन रहा है, पार्टी के लिए चिंताजनक है। प्रदेशाध्यक्ष और उनके समर्थक नेताओं पर पिछला विधानसभा चुनाव हरवाने का आरोप भी उन्होंने लगाया था। उन्होंने कहा कि जब वे अंचल सोनकर, शरद जैन से साथ वीडी शर्मा के घर मिलने गए तो मुझे घर से निकाल दिया गया।